Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
मीरगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के अगहुआ गांव में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में काशी से पधारे आनन्द कृष्ण पराशर महाराज ने कहा कि इंसान को अपनी जबान की कीमत करनी चाहिए जैसे की अयोध्या के राजा दशरथ का प्राण चला गया पर उनका बचन नहीं गया जो आज भी लोगों के द्वारा कहा जाता हैं कि 'रघुकल रिति सदा चल आई, प्राण जाय पर बचन न जाई। इसी तरह भक्तों को भी चाहिए कि अपनी बातों की कीमत करनी चाहिए। जिससे अच्छे समाज की रचना की जा सके। इसी तरह भक्ति में भगवान को पाने के लिए मन से श्रद्धा होनी चाहिए। भगवान तक पहुंचाने का माध्यम गुरु होते है उनके बगैर भक्तों को भगवान की प्राप्ति नहीं हो सकती।
इसके बाद उन्होंने कृष्ण लीला का वर्णन करते हुए कहा कि अहंकारी राजा कंस को जब भविष्यवाणी हुई कि उसकी बहन के गर्भ में पल रहा बच्चा ही उसकी मौत का कारण बनेगा तब उसने देवकी को काल कोठरी में डाल दिया और एक-एक करके उनके सात संतानों को मार डाला लेकिन भगवान के जन्म लेते ही वासुदेव व देवकी को दिव्य दर्शन हुए। दर्शन में भगवान विष्णु ने बताया कि उनके बाल रुप को टोकरी में रखकर यशोदा के पास पहुंचा देना। वासुदेव ने ऐसा ही किया और उन्होंने टोकरी में बच्चे को रखकर यमुना नदी में लेकर नन्द बाबा के पास पहुंचा दिया। इधर नन्द बाबा के यहां उत्सव मनाये जाने लगा और गोकुल में भगवान अपनी बाल लीला करने लगे। श्रीमद्भागवत कथा के दौरान दिलीप गुप्ता, भैयालाल जायसवाल, शिवनाथ गुप्ता, सुजीत गुप्ता, सुनील मणि त्रिपाठी सूर्य, चिंतामणि यादव (प्रधान), अजय कुमार, सुरेश सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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मीरगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के अगहुआ गांव में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में काशी से पधारे आनन्द कृष्ण पराशर महाराज ने कहा कि इंसान को अपनी जबान की कीमत करनी चाहिए जैसे की अयोध्या के राजा दशरथ का प्राण चला गया पर उनका बचन नहीं गया जो आज भी लोगों के द्वारा कहा जाता हैं कि 'रघुकल रिति सदा चल आई, प्राण जाय पर बचन न जाई। इसी तरह भक्तों को भी चाहिए कि अपनी बातों की कीमत करनी चाहिए। जिससे अच्छे समाज की रचना की जा सके। इसी तरह भक्ति में भगवान को पाने के लिए मन से श्रद्धा होनी चाहिए। भगवान तक पहुंचाने का माध्यम गुरु होते है उनके बगैर भक्तों को भगवान की प्राप्ति नहीं हो सकती।
इसके बाद उन्होंने कृष्ण लीला का वर्णन करते हुए कहा कि अहंकारी राजा कंस को जब भविष्यवाणी हुई कि उसकी बहन के गर्भ में पल रहा बच्चा ही उसकी मौत का कारण बनेगा तब उसने देवकी को काल कोठरी में डाल दिया और एक-एक करके उनके सात संतानों को मार डाला लेकिन भगवान के जन्म लेते ही वासुदेव व देवकी को दिव्य दर्शन हुए। दर्शन में भगवान विष्णु ने बताया कि उनके बाल रुप को टोकरी में रखकर यशोदा के पास पहुंचा देना। वासुदेव ने ऐसा ही किया और उन्होंने टोकरी में बच्चे को रखकर यमुना नदी में लेकर नन्द बाबा के पास पहुंचा दिया। इधर नन्द बाबा के यहां उत्सव मनाये जाने लगा और गोकुल में भगवान अपनी बाल लीला करने लगे। श्रीमद्भागवत कथा के दौरान दिलीप गुप्ता, भैयालाल जायसवाल, शिवनाथ गुप्ता, सुजीत गुप्ता, सुनील मणि त्रिपाठी सूर्य, चिंतामणि यादव (प्रधान), अजय कुमार, सुरेश सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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