Jaunpur Live News Network
जौनपुर लाइव न्यूज नेटवर्क
कर रहा है और भी बड़ी घटना का इंतजार
केराकत, जौनपुर। स्थानीय तहसील के कुसरना गांव में घटी कल की घटना इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। स्थानीय तहसील के तमाम सारे मुख्य मार्गों पर चल रहे टेंपो, मैजिक, बस एवं डग्गामार वाहन जो सीमा से अधिक यात्रियों को बैठाकर ले जाते है और कितने वाहन चालकों के पास न ही इंसुरेंस, ड्राइविंग लाइसेंस और न ही कोई रोड पर चलने की परमिट है फिर भी इन डग्गामार वाहनों द्वारा सीमा से अधिक यात्रियों को ढोया जा रहा है। जिस पर प्रशासन का कोई भी ध्यान नहीं जा रहा है। कुसरना गांव में कल की घटना इस बात की गवाह है कि टेंपो में यदि 11 लोग नहीं बैठे होते जिसमें छह की मौत और पाँच घायल हो गए तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता। क्या प्रशासन की यह बहुत बड़ी चूक नहीं हैं कि यदि प्रशासन द्वारा इन डग्गामार वाहनों पर पासिंग क्षमता से अधिक यात्रियों को ले जाने पर रोक लगायी जाती तो कल इतनी बड़ी घटना नहीं घटती। घटना घटने के बावजूद भी प्रशासन अभी तक हरकत में नहीं आया कि इन डग्गामार वाहनों, टेंपो, मैजिक, बसों में यात्रियों को ठूसठूस भरा जा रहा है। क्या प्रशासन फिर ऐसी बड़ी अनहोनी घटना के होने का इंतजार कर रही है। अब प्रश्न यह उठता हैं कि क्या प्रशासन इतना लापरवाह हो चुका है कि इन डग्गामार वाहनों पर लगाम लगा सके और यह भी कहा जा सकता हैं कि क्या इन डग्गामार वाहनों को प्रशासन की मिलीभगत से चलवाया जा रहा है। यदि ये सब डग्गामार वाहन प्रशासन की मिलीभगत से नहीं चल रहा हैं तो रोड पर कैसे चल रहे हैं? अब देखते हैं कि प्रशासन इन डग्गामार वाहनों पर कब लगाम लगाता है यह अपने आप में एक सोचनीय विषय है।
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कर रहा है और भी बड़ी घटना का इंतजार
केराकत, जौनपुर। स्थानीय तहसील के कुसरना गांव में घटी कल की घटना इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। स्थानीय तहसील के तमाम सारे मुख्य मार्गों पर चल रहे टेंपो, मैजिक, बस एवं डग्गामार वाहन जो सीमा से अधिक यात्रियों को बैठाकर ले जाते है और कितने वाहन चालकों के पास न ही इंसुरेंस, ड्राइविंग लाइसेंस और न ही कोई रोड पर चलने की परमिट है फिर भी इन डग्गामार वाहनों द्वारा सीमा से अधिक यात्रियों को ढोया जा रहा है। जिस पर प्रशासन का कोई भी ध्यान नहीं जा रहा है। कुसरना गांव में कल की घटना इस बात की गवाह है कि टेंपो में यदि 11 लोग नहीं बैठे होते जिसमें छह की मौत और पाँच घायल हो गए तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता। क्या प्रशासन की यह बहुत बड़ी चूक नहीं हैं कि यदि प्रशासन द्वारा इन डग्गामार वाहनों पर पासिंग क्षमता से अधिक यात्रियों को ले जाने पर रोक लगायी जाती तो कल इतनी बड़ी घटना नहीं घटती। घटना घटने के बावजूद भी प्रशासन अभी तक हरकत में नहीं आया कि इन डग्गामार वाहनों, टेंपो, मैजिक, बसों में यात्रियों को ठूसठूस भरा जा रहा है। क्या प्रशासन फिर ऐसी बड़ी अनहोनी घटना के होने का इंतजार कर रही है। अब प्रश्न यह उठता हैं कि क्या प्रशासन इतना लापरवाह हो चुका है कि इन डग्गामार वाहनों पर लगाम लगा सके और यह भी कहा जा सकता हैं कि क्या इन डग्गामार वाहनों को प्रशासन की मिलीभगत से चलवाया जा रहा है। यदि ये सब डग्गामार वाहन प्रशासन की मिलीभगत से नहीं चल रहा हैं तो रोड पर कैसे चल रहे हैं? अब देखते हैं कि प्रशासन इन डग्गामार वाहनों पर कब लगाम लगाता है यह अपने आप में एक सोचनीय विषय है।
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