भूखे पेट गोशाला में रहने को मजबूर है जानवर



चारे के लिए न तो मिला जनसहयोग न तो मिला सरकारी बजट
मछलीशहर,जौनपुर। स्थानीय नगर के सीमावर्ती गाव सराययुसुफ़ में पुराने गोशाला को प्रशासन द्वारा बाउंड्री की मरम्मत करा कर नगर एंव गावो में घूम रहे छुट्टा पशुओ को तो गौशाला में रख दिए लेकिन चारे की व्यवस्था न होने के चलते सभी जानवर भुखमरी के कगार पर पहुच गए।गौरतलब हो कि प्रदेश सरकार के लिए सरदर्द बने छूटा पशुओ के लिए प्रदेश जगह जगह जमीन की तलाश कर गोशाला बनवाने के फिराक में है ताकि इस समस्या से निजात मिल सके। इसी क्रम में नगर के सीमावर्ती गाव सराययुसुफ़ में स्थित क्षति विक्षिप्त गोशाला की मरम्मत कराकर 35 छुट्टा पशुओ को पकड़ कर रख दिया गया। पशुओ के रखने के बाद उपजिलाधिकारी जेएन सचान क्षेत्र के सभी लोगो के साथ बैठक कर जानवरो की पेट पालने के लिए चारा मुहैया कराने की अपील किए।उस वक्त तो जनसहयोग से पुआल की व्यवस्था तो हो गई लेकिन जितना पुआल मिला उसके समाप्त होते ही जानवर भूखे पेट रहने को मजबूर हो गए।जानवरो की देखरेख कर रहे पारस नाथ यादव एंव बृजश्याम का कहना है कि 35 छुट्टा पशुओ को गौशाला में रखा गया हैं। जिनके लिए जनसहयोग से मिला पुआल दो तीन दिन में ही खत्म हो गया।इधर दो दिन से जानवर भूखे ही पड़े हैं। सभासद, खण्ड विकास अधिकारी और अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत को जनसहयोग से चारा की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी द्वारा बैठक में सौपी गयी थी। मगर किसी के भी द्वारा चारा का इंतजाम नही किया गए।सेवको का कहना है कि यदि जिम्मेदार लोगो द्वारा चारे की व्यवस्था नही की गई तो जानवरों को गौशाला से बाहर निकाल दिया जायेगा।


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