बरसठी, जौनपुर। फ़सल बर्बाद होने से क्षेत्र के लोगो में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सोमवार खरगापुर (खोइरी) गांव के किसानों ने एकत्र होकर विचरण कर रहे बेसहारा पशुओं को पकड़कर प्राथमिक विद्यालय में कैद कर दिया। ग्राम प्रधान व यूपी 100 पुलिस के समझाने के बाद छोड़ा।
खरगापुर(खोइरी) गांव के लोगो ने दर्जन भर पशुओं को पकड़कर विद्यालय परिसर में बंद कर दिया। सुबह स्कूल पहुँचे प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र यादव सुबह जब स्कूल पहुँचे तो वहां का नजारा देख कर हक्के बक्के हो गए। इसकी जानकारी बीआरसी आनंद वर्मा और डायल 100 पुलिस को सूचना दी। ग्रामीणों से पशुओं को छोड़ने के लिए कहा लेकिन वह इस बात पर अडिग थे कि जब तक जिला प्रशासन द्वारा व्यवस्था नही की जाती तब तक मवेशियों को विद्यालय में बंद रखा जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है कि, सरकार एक ओर किसानों की आमदनी बढ़ा कर समृद्ध करने की बात कहती है। वही दूसरी तरफ मवेशी झुंड में आकर मेहनत व लागत से उगाई गई फसल को नष्ट कर दे रहे है। बर्बादी का कारण बने इन पशुओं से निजात के लिए कोई ठोस पहल नही की जा रही है। जब फ़सल ही नही बचेगी तो कैसे अच्छा उत्पाद बढ़ेगा। समर्थन मूल्य बढ़ाने का क्या फ़ायदा जब बेचने के लिए अनाज ही नही रहेगा।
ग्राम प्रधान व यूपी 100 पुलिस के समझाने और जल्द ही छुट्टा पशुओं की उचित व्यवस्था करने के आश्वासन के बाद पशुओं को छोड़ा जिससे लगभग दो घण्टे पठन - पाठन बाधित रहा।
खरगापुर(खोइरी) गांव के लोगो ने दर्जन भर पशुओं को पकड़कर विद्यालय परिसर में बंद कर दिया। सुबह स्कूल पहुँचे प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र यादव सुबह जब स्कूल पहुँचे तो वहां का नजारा देख कर हक्के बक्के हो गए। इसकी जानकारी बीआरसी आनंद वर्मा और डायल 100 पुलिस को सूचना दी। ग्रामीणों से पशुओं को छोड़ने के लिए कहा लेकिन वह इस बात पर अडिग थे कि जब तक जिला प्रशासन द्वारा व्यवस्था नही की जाती तब तक मवेशियों को विद्यालय में बंद रखा जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है कि, सरकार एक ओर किसानों की आमदनी बढ़ा कर समृद्ध करने की बात कहती है। वही दूसरी तरफ मवेशी झुंड में आकर मेहनत व लागत से उगाई गई फसल को नष्ट कर दे रहे है। बर्बादी का कारण बने इन पशुओं से निजात के लिए कोई ठोस पहल नही की जा रही है। जब फ़सल ही नही बचेगी तो कैसे अच्छा उत्पाद बढ़ेगा। समर्थन मूल्य बढ़ाने का क्या फ़ायदा जब बेचने के लिए अनाज ही नही रहेगा।
ग्राम प्रधान व यूपी 100 पुलिस के समझाने और जल्द ही छुट्टा पशुओं की उचित व्यवस्था करने के आश्वासन के बाद पशुओं को छोड़ा जिससे लगभग दो घण्टे पठन - पाठन बाधित रहा।
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