Jaunpur Live : साइकिल सवार होकर एक बार फिर 'हाथी' के लिए वोट मांगेंगे जगदीश नारायण राय


टीम जौनपुर लाइव
जौनपुर। लोकसभा चुनाव में रोज नित नये—नये समीकरण बन बिगड़ रहे है। पूर्व ​कैबिनेट मंत्री जगदीश नारायण राय ने आजमगढ़ में सपा मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नामांकन के दौरान उनसे मुलाकात कर समाजवादी पार्टी जॉइन कर लिया। यह खबर जब जिले में पहुंची तो सियासी सरगर्मी एक बार फिर बढ़ गयी। वहीं सियासी गलियारे में यह चर्चा शुरू हो गयी कि तो एक बार फिर से हाथी के लिए जगदीश नारायण राय वोट मांगेंगे क्योंकि जौनपुर की दोनों संसदीय सीट बसपा के खाते में गयी है और दोनों सीटों पर पूर्व नौकरशाह हाथी पर सवार होकर संसद में जाने को बेताब है।


गौरतलब हो कि बसपा सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में कैबिनेट मंत्री रहे जगदीश नारायण राय जब 2012 में बसपा के सिम्बल पर जफराबाद विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरे तो सपा की लहर में यह सीट उनके हाथ से चली गयी और शचींद्र नाथ ​त्रिपाठी साइकिल पर सवार होकर सरपट विधानसभा पहुंच गये। यही वह समय था जब बसपा सुप्रीमो से उनकी बिगड़नी शुरू हुई और 2017 के विधानसभा चुनाव में जफराबाद विधानसभा से उन्हें हाथी की सवारी नसीब नहीं हुई और संजीव उपाध्याय को बसपा सुप्रीमो ने मैदान में उतार दिया। नामांकन के आखिरी दिन तक जफराबाद के पूर्व विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री जगदीश नारायण राय खामोशी इख्तियार किये हुए थे कि अचानक एक फोन उनके पास आया और कहा गया कि क्या आप कांग्रेस से चुनाव लड़ना चाहेंगे तो उन्होंने सोच विचार के बाद हां कर दिया। इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिराज मेंहदी हेलीकाप्टर से सिम्बल लेकर जौनपुर पहुंच गये। नामांकन के अंतिम दिन आखिरकार जगदीश नारायण राय ने अपना नामांकन कांग्रेस के सिम्बल पर कर दिया। उस समय कांग्रेस—सपा का गठबंधन था तो सपा के सिम्बल पर शचींद्र नाथ त्रिपाठी ने पहले से ही नामांकन कर दिया था। ऐसे में गठबंधन से दो—दो प्रत्याशी के मैदान में होने से असमंजस की स्थिति बन गयी थी। फिर क्या था शचींद्र नाथ त्रिपाठी ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया तो आलाकमान के निर्देश के बाद जगदीश नारायण राय को ही अपना नामांकन वापस लेना पड़ा। इसके बाद से उनके सियासी कैरियर पर ग्रहण सा लग गया था हालांकि जफराबाद विधानसभा की सीट भाजपा के खाते में चली गयी।


2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने एक बार फिर से अपनी सियासी पारी की नई शुरूआत करते हुए समाजवादी पार्टी को जॉइन कर लिया। उनके सपा में शामिल होते ही लोग यह चर्चा करने लगे तो क्या एक बार फिर से वह हाथी के लिए वोट मांगेंगे। वहीं यह भी चर्चा शुरू हो गयी है कि जफराबाद में पूर्व विधायक शचींद्र नाथ त्रिपाठी के निधन के बाद समाजवादी पार्टी का कोई चेहरा न होने से वह 2022 के विधानसभा चुनाव में जफराबाद विधानसभा से दावेदारी भी करेंगे तो वहीं लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद यह भी तय हो जाएगा कि सपा—बसपा साथ में रहेंगे या फिर पहले की तरह उनके रास्ते एक बार फिर से अलग हो जाएंगे। अब सभी को समय का इंतजार रहेगा।


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