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खेतासराय, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के खुदौली स्थित गूजरताल के जल क्षेत्र में गुरुवार की सुबह लाखों मछलियां मरकर उतराने लगी। ठेकेदार द्वारा करीब 18 लाख रु पए मूल्य के मत्स्य बीज गुजर ताल में मछलीपालन के लिए डाले गए थे। आशंका हैं कि अराजक तत्वों द्वारा गूजरताल के जल क्षेत्र में भारी मात्रा में जहर डाल दिया गया।
गुरु वार की क्षेत्र के गूजरताल में मछली मरकर उतराने का क्रम शुरू हुआ। ठेकेदार की तरफ से देखभाल कर रहे क्षेत्र के म्हरौड़ा निवासी बबलू गुप्ता ने ठेकेदार विकास निषाद को मछलियों के मरने की जानकारी दी। ठेकेदार ने आकर देखा की पूरे जल क्षेत्र में जगह मछलियां मरकर उतराई हुई है। पूरे ताल में मछलियों के मरने से दुर्गंध उठ रही है। बताते हैं कि क्षेत्र का खुदौली स्थित गूजरताल का जल क्षेत्र 88 हेक्टेअर में फैला हुआ है जिसमें मत्स्य पालन का ठीका मत्स्य जीवी सहकारी संघ लखनऊ को मिला था। जनपद के चंदवक निवासी विकास निषाद मछली पालन के लिए बीज डाले थे। विकास के अनुसार उन्होंने गूजरताल में 5 लाख ग्रास, 3 लाख कामन कार्प, 2 लाख रोहू कतला, 60 हज़ार नयन प्रजाति के फिंगर साइज बीज व 5 लीटर स्पान छोटे साइज के डाले गए थे। डाले गए मत्स्य बीजों की कीमत करीब 18 लाख रु पए बताई गई है जबसे बीज डाले गए थे इनका शिकार नहीं हुआ था। विकास निषाद ने गुरु वार की शाम थाने पहुंच कर घटना की लिखित जानकारी दी है।
खेतासराय, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के खुदौली स्थित गूजरताल के जल क्षेत्र में गुरुवार की सुबह लाखों मछलियां मरकर उतराने लगी। ठेकेदार द्वारा करीब 18 लाख रु पए मूल्य के मत्स्य बीज गुजर ताल में मछलीपालन के लिए डाले गए थे। आशंका हैं कि अराजक तत्वों द्वारा गूजरताल के जल क्षेत्र में भारी मात्रा में जहर डाल दिया गया।
गुरु वार की क्षेत्र के गूजरताल में मछली मरकर उतराने का क्रम शुरू हुआ। ठेकेदार की तरफ से देखभाल कर रहे क्षेत्र के म्हरौड़ा निवासी बबलू गुप्ता ने ठेकेदार विकास निषाद को मछलियों के मरने की जानकारी दी। ठेकेदार ने आकर देखा की पूरे जल क्षेत्र में जगह मछलियां मरकर उतराई हुई है। पूरे ताल में मछलियों के मरने से दुर्गंध उठ रही है। बताते हैं कि क्षेत्र का खुदौली स्थित गूजरताल का जल क्षेत्र 88 हेक्टेअर में फैला हुआ है जिसमें मत्स्य पालन का ठीका मत्स्य जीवी सहकारी संघ लखनऊ को मिला था। जनपद के चंदवक निवासी विकास निषाद मछली पालन के लिए बीज डाले थे। विकास के अनुसार उन्होंने गूजरताल में 5 लाख ग्रास, 3 लाख कामन कार्प, 2 लाख रोहू कतला, 60 हज़ार नयन प्रजाति के फिंगर साइज बीज व 5 लीटर स्पान छोटे साइज के डाले गए थे। डाले गए मत्स्य बीजों की कीमत करीब 18 लाख रु पए बताई गई है जबसे बीज डाले गए थे इनका शिकार नहीं हुआ था। विकास निषाद ने गुरु वार की शाम थाने पहुंच कर घटना की लिखित जानकारी दी है।
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