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1839 में गौराबादशाहपुर के व्यापारी ने बनवाया था मंदिर
रतन लाल आर्य
बख्शा, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र का ऐतिहासिक साईंनाथ मन्दिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। मंदिर के अंदर स्वतः प्रकट हुआ शिवलिंग का दर्शन भक्तों के लिए काफी महत्व रखता है। श्रद्धालुओं की मानें तो सच्चे मन से मांगी गयीं हर मुराद भोलेनाथ अवश्य पूरी करते है।
शंभूगंज बाजार के दक्षिण रेलवे क्रासिंग के बाद पड़ने वाले इस मंदिर में स्थित शिवलिंग का बहुत महत्व है। स्थानीय लोगों का मानना हैं कि यह शिवलिंग धरती माता को चीरकर स्वतः प्रकट हुआ है। इस ऐतिहासिक शिव मंदिर के बारे में तरह-तरह की किवदंतियां सुनने को मिली है। जनपद के गौराबादशाहपुर निवासी सत्यनारायण कसौधन ने रात्रि में स्वप्न देखा कि उक्त स्थान पर शिवलिंग जमीन फाड़कर निकला है। स्वप्न की बात को आदेश मान रात्रि के अर्ध पहर में कसौधन पैदल ही बताए हुए स्थान पर पहुँच गया। यहां वह प्रत्यक्ष शिवलिंग देख हैरत में पड़ गया। कसौधन शिवलिंग पकड़ बैठ सुबह होने का इंतजार करता रहा। सुबह बात जंगल में आग की तरह फैल गयीं। सुबह होते ही मन्दिर की नींव रख भाद्र पक्ष कृष्ण चतुर्दशी तिथि सम्वत 1974 शाके 1839 में बनकर तैयार हो गया। मंदिर के पुजारी भोलानाथ शुक्ल कहते हैं कि पुराने इस मंदिर का बहुत महत्व है।
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