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मीरगंज (जौनपुर): एक तरफ केंद्र व प्रदेश सरकार स्वच्छ भारत मिशन का सपना देख रही है तो दूसरी तरफ टूटी नालियां व जगह-जगह कूड़े के ढेर ही मीरगंज बाजार की पहचान बन चुके हैं। तिराहे से लेकर प्राथमिक स्कूल के मुख्य गेट के आस-पास, मीरपुर सब्जीमंडी के आस-पास फैली गंदगी स्वच्छ भारत मिशन की पोल खोलकर रख दे रही है। शिकायत के बाद भी जिम्मेदार कोई सुधि नहीं ले रहे हैं।
विकास कार्यो के बाद मौसम की पहली बरसात कस्बे की सड़कें व नालियां नहीं झेल पा रही हैं। सबसे ज्यादा जलनिकासी की समस्या से बाजारवासी त्रस्त है, मुस्लिम मोहल्ले की नालियां टूटी होने के कारण गंदा पानी रास्ते में भर गया है। बस्ती के अंदर इकट्ठा पानी लोगों को बीमार कर रहा है। हालत यह है कि भीषण दुर्गंध के चलते मोहल्ले के लोग भीषण गर्मी में दरवाजे पर भी नहीं बैठ पा रहे हैं। प्रधान के दयापात्र बने सफाई कर्मचारी सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर चले जा रहे हैं। इससे बाजार के वार्ड में खामियों का अंबार लगा है। लोगों ने कई बार समस्या समाधान के लिए स्थानीय स्तर से लेकर ब्लाक स्तर पर अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन अभी तक जिम्मेदारों ने कोई परवाह नहीं की। इससे समस्या जस की तस बनी हुई हैं।
बाजारवासियों की समस्याएं :-
-मुस्लिम बस्ती के अधिकांश घरों में शौचालय न होना।
-जगह-जगह लगे हैं कूड़े के ढेर।
-टूटी नालियों के चलते कीचड़ से उठती दुर्गंध।
-सड़कों पर नालियों का बहता गंदा पानी।
गंदगी, जलभराव से निजात नहीं
हालात यह है कि बरसात आरंभ होते ही सड़कों पर सन्नाटा छा जा रहा है। लोग बाहर निकलने के बजाय घरों में ही रहना बेहतर समझने लगे हैं। इस प्रकार के हालात से लोग त्रस्त हो चुके है। आखिर सड़कों पर बह रहे पानी से लोग गुजरें कैसे? बाजार में नालियों की बरसात पूर्व सफाई न होने से नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा है। ऐसे में बाजारवासियों का सपना टूटने लगा है। चारों ओर फैली गंदगी के कारण महामारी फैलने की संभावना बनने लगी है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ने के बावजूद बाजार में फा¨गग तक की व्यवस्था नहीं की गई है।
नहीं उठाए जा रहे ठोस कदम
बाजार में जल भराव की निकासी के लिए ग्राम प्रधान द्वारा फिलहाल कोई कारगर योजना नहीं हैं। बरसात आरंभ होने के कारण नाली की सफाई संभव नहीं है। जलनिकासी में बड़ी बाधा सड़कों का नाली से नीचे होना है।
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