- बगैर लाइसेंस व बिजली कनेक्शन के ही चल रहे है आरा मशीन
- वन माफियाओं द्वारा आरा मशीनों पर किया जाता है अवैध भंडारण
- वन विभाग व पुलिस की मिलीभगत से राजस्व को लगता है लाखों का चूना
#TeamJaunpurLive
सुरेरी, जौनपुर। एक तरफ जहां सरकार पर्यावरण को लेकर काफी गंभीर है जिसके तहत लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर जगह-जगह हरे पेड़ों को लगवाने का कार्य कर रही है वहीं दूसरी तरफ वन विभाग व पुलिस की मिलीभगत से सरकार के इस मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। उदाहरण के तौर पर विकासखंड रामपुर को देखा जा सकता है जहां वन विभाग व पुलिस की मिलीभगत से वन माफियाओं द्वारा क्षेत्र में हरे पेड़ों को बिना अनुमति के काटकर आरा मशीनों पर अवैध भंडारण किया जाता है। अगर एक नजर इन आरा मशीनों पर डाले तो क्षेत्र में चलने वाले लगभग एक दर्जन आरा मशीन मानक को दरकिनार कर संचालित किए जा रहे हैं। किसी आरा मशीन का लाइसेंस नहीं है तो किसी आरा मशीन पर बिजली का कनेक्शन ही नहीं है। वहीं अधिकांश आरा मशीनों पर बगैर अनुमति के क्षेत्र से कटे हरे पेड़ों का भंडारण किया गया है। जिससे राजस्व को लाखों का नुकसान भी होता है। वहीं अवैध रूप से चल रहे इन आरा मशीनों पर ना तो वन विभाग के अधिकारियों की नजर पड़ती है और ना ही पुलिस कर्मचारियों की।
सूत्रों की मानें तो इन आरा मशीनों पर बगैर अनुमति के बन माफियाओं द्वारा काटे गए पेड़ों का भंडारण भी किया जाता है। उसके पीछे पुलिस विभाग व वन विभाग को मोटी रकम दी जाती है। वहीं इस तरह से हो रहे अवैध कारोबार में लिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से वन माफिया राजस्व को लाखों का चूना लगाने में कोई गुरेज नहीं करते। इस संदर्भ में जिला वन अधिकारी एपी पाठक ने बताया कि आरा मशीनों पर केवल छूट के लकड़ियों को ही चीरने का कार्य किया जा सकता है अगर इसके अतिरिक्त कोई लकड़ी आरा मशीनों पर पाई गई तो संचालक सहित वन माफियाओं के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी।
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