#JaunpurLive : धूमधाम से मनाया गया नागपंचमी का त्यौहार



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जय प्रकाश तिवारी
सुजानगंज, जौनपुर। क्षेत्र के श्री गौरीशंकर धाम पर स्थानीय लोगों ने दूध, लावा, मटर, चना आदि चढ़ाकर लोगों ने पूजा अर्चना की। पूरे श्रावण माह विशेष कर नागपंचमी को धरती खोदना निषिद्ध है। इस दिन व्रत करके सांपों को खीर खिलाई व दूध पिलाया जाता है। कहीं-कहीं सावन माह की कृष्ण पक्ष की पंचमी को भी नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन सफेद कमल पूजा में रखा जाता है। इस दिन नागदेव का दर्शन अवश्य करना चाहिए। बांबी (नागदेव का निवास स्थान) की पूजा करना चाहिए।


 नागदेव की सुगंधित पुष्प व चंदन से ही पूजा करनी चाहिए क्योंकि नागदेव को सुगंध प्रिय है। नागपंचमी के ही दिन अनेक गांव व कस्बों में कुश्ती का आयोजन होता है जिसमें आस—पास के पहलवान भाग लेते हैं। गाय, बैल आदि पशुओं को इस दिन नदी, तालाब में ले जाकर नहलाया जाता है। इस दिन अष्टनागों की पूजा की जाती है। नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है लेकिन कहीं-कहीं दूध पिलाने की परम्परा चल पड़ी है। नाग को दूध पिलाने से पाचन नहीं हो पाने या प्रत्यूर्जता से उनकी मृत्यु हो जाती है। शास्त्रों में नागों को दूध पिलाने को नहीं बल्कि दूध से स्नान कराने को कहा गया है।


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