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संगोष्ठी में वित्तविहीन शिक्षकों के समस्याओं व उसके समाधान पर चर्चा की गई। साथ ही यह निर्णय लिया गया कि महासभा के दोनों स्नातक व शिक्षक एमएलसी प्रत्याशियों को जिताने के लिए सभी लोग जी जान से जुट जाय।
मुख्य अतिथि संगठन के प्रधान महासचिव वाराणसी निर्वाचन खंड स्नातक एमएलसी प्रत्याशी अखिलेश सिंह ने कहा कि वर्ष 1986 में प्रयोग के तौर पर दो वर्ष के लिए लायी गयी वित्तविहीन व्यवस्था के तहत आज प्रदेश के 21 हजार से अधिक मान्यता प्राप्त माध्यमिक व वित्तविहीन विद्यालयों में तीन लाख से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। वे अपने भरण-पोषण के लिए पूरी तरह प्रबंधकीय व्यवस्था पर निर्भर हैं। स्थिति यह है कि रोजी पाकर भी रोटी के लिए मोहताज हैं।
जिलाध्यक्ष राजेश मिश्रा ने कहा कि अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए समय-समय पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने की आवश्यकता है। चेतावनी दी कि यदि समय रहते वित्तविहीन शिक्षकों की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट तय है।
प्रधानाचार्य महासभा के जिलाध्यक्ष प्रकाश चंद पाल ने कहा कि सड़क पर संघर्ष करने के साथ-साथ सदन में भी संघर्ष करना जरूरी है। इसके लिए पर्याप्त संख्या में सदन में महासभा के सदस्यों का होना जरूरी है। इसलिए सभी एकजुट होकर अधिक से अधिक वोटर बनवाने के लिए जुट जाय।
प्रबन्धक महासभा के जिलाध्यक्ष नन्हकऊ गुप्ता ने कहा कि मतदाता बनने के लिए जल्द से जल्द मतदाता फार्म भरवाकर इकठ्ठा कर लीजिए।
इस मौके पर श्यामधर मिश्रा, चंद्र प्रकाश सिंह, सुनील शुक्ल, चंदन जायसवाल, अजय तिवारी, नीरज सिंह, सूरज सिंह, मोहित सिंह, अनुपम सिंह, राजेश यादव, दिलीप यादव, मोहित अग्रहरी आदि प्रमुख रहे। संचालन प्रधानाचार्य शरद सिंह ने ज्ञापित किया।
राधिका बाल विद्या मंदिर में माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा की आयोजित शैक्षिक विचार संगोष्ठी में वित्तविहीन शिक्षकों के समस्या व समाधान की हुई चर्चाजौनपुर। माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा की शैक्षिक विचार संगोष्ठी शनिवार को राधिका बाल विद्या मंदिर पर आयोजित हुई।
संगोष्ठी में वित्तविहीन शिक्षकों के समस्याओं व उसके समाधान पर चर्चा की गई। साथ ही यह निर्णय लिया गया कि महासभा के दोनों स्नातक व शिक्षक एमएलसी प्रत्याशियों को जिताने के लिए सभी लोग जी जान से जुट जाय।
मुख्य अतिथि संगठन के प्रधान महासचिव वाराणसी निर्वाचन खंड स्नातक एमएलसी प्रत्याशी अखिलेश सिंह ने कहा कि वर्ष 1986 में प्रयोग के तौर पर दो वर्ष के लिए लायी गयी वित्तविहीन व्यवस्था के तहत आज प्रदेश के 21 हजार से अधिक मान्यता प्राप्त माध्यमिक व वित्तविहीन विद्यालयों में तीन लाख से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। वे अपने भरण-पोषण के लिए पूरी तरह प्रबंधकीय व्यवस्था पर निर्भर हैं। स्थिति यह है कि रोजी पाकर भी रोटी के लिए मोहताज हैं।
जिलाध्यक्ष राजेश मिश्रा ने कहा कि अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए समय-समय पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने की आवश्यकता है। चेतावनी दी कि यदि समय रहते वित्तविहीन शिक्षकों की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट तय है।
प्रधानाचार्य महासभा के जिलाध्यक्ष प्रकाश चंद पाल ने कहा कि सड़क पर संघर्ष करने के साथ-साथ सदन में भी संघर्ष करना जरूरी है। इसके लिए पर्याप्त संख्या में सदन में महासभा के सदस्यों का होना जरूरी है। इसलिए सभी एकजुट होकर अधिक से अधिक वोटर बनवाने के लिए जुट जाय।
प्रबन्धक महासभा के जिलाध्यक्ष नन्हकऊ गुप्ता ने कहा कि मतदाता बनने के लिए जल्द से जल्द मतदाता फार्म भरवाकर इकठ्ठा कर लीजिए।
इस मौके पर श्यामधर मिश्रा, चंद्र प्रकाश सिंह, सुनील शुक्ल, चंदन जायसवाल, अजय तिवारी, नीरज सिंह, सूरज सिंह, मोहित सिंह, अनुपम सिंह, राजेश यादव, दिलीप यादव, मोहित अग्रहरी आदि प्रमुख रहे। संचालन प्रधानाचार्य शरद सिंह ने ज्ञापित किया।
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