लहंगपुर गौशाला में तड़प-तड़पकर आये दिन मर रहे है गोवंश


  इन मवेशियों को समुचित आहार व उपचार न मिलने से आये दिन तीन से चार मवेशियों की तड़प-तड़पकर मौत हो जा रही है। आये दिन मरने वाले मवेशियों को पहले एक जगह गौशाला में एकत्र किया जाता है फिर दो-तीन दिन बाद जेसीबी मंगाकर उसी गौशाला के प्रांगण में दफन कर दिया जाता है। मवेशियों की देख-रेख में लापरवाही तथा क्रूरता के विरु द्ध मछलीशहर के पूर्व सांसद तूफानी सरोज ने एक बार आवाज उठाया था तो कुछ दिन ठीक-ठाक रहने के बाद फिर पुराने ढर्रे अपनाना शुरू हो गये।




रामज्ञा यादव
जलालपुर, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के लहंगपुर गाव के गौशाले आये दिन गोवंशों के मरने सिलसिला जारी है। गोवंशो का उचित ढंग से रख-रखाव, दवा, पानी, साफ-सफाई की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बेसहारा पशु तड़प-तड़पकर मरने के लिए मजबूर है। गौशाले में चूनी-चोकर तो दूर बेसहारा गोवंशों को सादा भूसा-पानी भी नहीं दिया जाता है।





इन मवेशियों को समुचित आहार व उपचार न मिलने से आये दिन तीन से चार मवेशियों की तड़प-तड़पकर मौत हो जा रही है। आये दिन मरने वाले मवेशियों को पहले एक जगह गौशाला में एकत्र किया जाता है फिर दो-तीन दिन बाद जेसीबी मंगाकर उसी गौशाला के प्रांगण में दफन कर दिया जाता है। मवेशियों की देख-रेख में लापरवाही तथा क्रूरता के विरु द्ध मछलीशहर के पूर्व सांसद तूफानी सरोज ने एक बार आवाज उठाया था तो कुछ दिन ठीक-ठाक रहने के बाद फिर पुराने ढर्रे अपनाना शुरू हो गये।





वाराणसी-लखनऊ नेशनल हाईवे पर वाराणसी जिले से सटा हुआ विकास खण्ड जलालपुर के लहंगपुर गांव में बना अस्थाई गौशाला जौनपुर जिले का सरहदी क्षेत्र है। सरहदी क्षेत्र होने के कारण यहां के गौशाला में मवेशी की संख्या ज्यादा थी लेकिन बेसहारा मवेशियों को यहां भूसा पानी पर जिंदा रखने के प्रयास किया जा रहा है जिससे मवेशी कमजोर होकर बीमार हो रहे है और उपचार की व्यवस्था न होने से मवेशी दम तोड़ देते है।





गौशाला में मवेशियों की संख्या घटने लगी है जो चिंता का विषय है। पिछले करीब एक सप्ताह पूर्व यहां 100 से अधिक मवेशी थे आज घटकर 90 है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि जगदीश विश्वकर्मा ने कहा कि यहां क्षमता से अधिक मवेशियों को पानी पिलाने के लिए सिर्फ एक हैण्डपम्प लगा है जिससे मवेशियों को पानी पिलाना और नहलाना आदि कार्य करना बहुत कठिन है। विद्युत व्यवस्था नहीं है जिसकी वजह से समर सेबल नहीं लग पाया है। बिजली की व्यवस्था के लिए डीएम सहित अन्य अधिकारियों को प्रार्थना-पत्र दिया गया है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। गौशाला पर दो शिफ्ट में डेढ़ दर्जन सफाईकर्मी मवेशियों की देखभाल कर रहे है। गौशाला संचालक ने कहा कि हमें जो सुविधा मिलती है उसी से पशुओं की सेवा करते हैं।





वहीं बीडीओ प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि गौशाला पर पशुओं के लिये समुचित आहार व उपचार सहित अन्य सभी व्यवस्था उपलब्ध है। सबसे अधिक ध्यान देने की बात है कि यहां पर काम करने के लिए सफाईकर्मी नियुक्त है और उनकी जिस गांव में पोस्टिगं है, वहां पर सफाई कार्य बाधित है। देखा जाय तो सरकारी तौर पर गौशाला के लिए अलग से नियुक्त कर्मचारियों का कहीं पता नहीं है। यदि मवेशी सिर्फ भूसा खा रहे है तो चूनी, चोकर कौन खा रहा है यह जांच का विषय है।


Previous Post Next Post

Contact us for News & Advertisement

Profile Picture

Ms. Kshama Singh

Founder / Editor

Mo. 9324074534