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रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार वेशधारी साधू को पुलिस ने किया आजाद


पुलिस का नाम और आने पर विभाग ने किया लीपापोती





अरशद हाशमी
मड़ियाहूं, जौनपुर। स्थानीय थाना क्षेत्र के सीरिया गांव निवासी सर्वेश पटेल से पिछले चार दिनों से एक व्यक्ति मोबाइल पर फोन करके 50 हजार रु पये की मांग कर रहा था। सर्वेश पटेल इतना भयभीत हुआ कि मड़ियाहूं पुलिस को मामले की सूचना दिया। सोमवार को रंगदारी मांगने वाले व्यक्ति को मड़ियाहूं के बेलवां बाजार में बुलाया और अपने कुछ साथियों के साथ खुद बेलवां बाजार पहुंच गया। बैंक ड¬ूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को भी रंगदार मांगनेवाले के आने की सूचना दिया। दिन में लगभग 12 बजे साधु वेषधारी विनय मिश्रा नियत स्थान पर अपनी प्लेटिना बाइक से आया और सर्वेश को फोन किया कि जहां बताये हो मैं आ गया हूं। अपनी पहचान भी विनय मिश्रा ने सर्वेश को बताया। सर्वेश तथा उसके साथी पुलिस की मदद से रंगदारी का पैसा मांगें वाले को पकड़कर कोतवाली ले आये। मामले की सूचना जब मीडियाकर्मियों को लगी तो भारी संख्या में मीडियाकर्मी भी कोतवाली में पहुंच गये और पकड़े गये विनय मिश्रा उर्फ बाबाजी से पूछताछ किये।





बाबाजी ने बताया कि मुझे ओम प्रकाश राय पुलिस जो पहले मछलीशहर थाने पर तैनात थे अब जौनपुर किसी थाने में तैनात हैं, रंगदारी का 50 हजार रु पया सर्वेश से लेने के लिये बेलवां भेजे थे। सर्वेश पटेल ने मड़ियाहूं कोतवाली में लिखित तहरीर भी दिया था लेकिन मंगलवार को जब इस संबंध में प्रभारी कोतवाल सुरेन्द्र दूबे से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मामला रंगदारी का नहीं था किसी और मामले का था। रात में ही हमारे उच्च अधिकारी एडिशनल एसपी संजय राय, क्षेत्राधिकारी अवधेश शुक्ला ने पूछताछ के बाद दोनों को छोड़ दिया। मामला और कुछ था जिसके कारण दोनों पक्षों से रात में ही सुलह समझौता कराकर छोड़ देना पुलिस पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रही है।





यही मड़ियाहूं पुलिस छोटे-छोटे मामलों में भी 151 में शरीफों का चालान यह कहकर कर देती है कि मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आ गया है और रंगदारी मांगने जैसे संगीन मामले में जिसमें आरोपी खुद कबूल कर रहा है कि हां मैं रंगदारी का पैसा एक पुलिसकर्मी के निर्देश पर लेने आया था, उसे रात में ही बाइज्जत बरी कर दिया जाता है। कहीं इसके पीछे सबसे बड़ा कारण उस सिपाही का नाम आना तो नहीं है, जिसका जिक्र कल पकड़ा गया आरोपी मीडिया के सामने लिया था। यदि नहीं तो वह कौन सा कारण है जिसे पुलिस दूसरा मामला बता रही है, क्षेत्र की जनता मड़ियाहूं पुलिस और उच्चाधिकारियों से जानना चाहती है। कल इस घटना से पूरे जनपद में सनसनी फैल गयी थी।





सूत्रों की मानें तो पुलिस के उच्चाधिकारी रात में ही मड़ियाहूं कोतवाली आ धमके थे काफी देर तक पकड़े गये। विनय मिश्रा से पूछताछ करने के बाद सर्वेश पटेल को भी रात में ही कोतवाली पूछताछ के नाम पर बुलाया गया था। दोनों से पूछताछ में वह कौन सी बात निकलकर पुलिस उच्चाधिकारियों के सामने आयी जिससे विवश होकर रात में ही पुलिस दोनों में समझौता कराकर पकड़े गये आरोपी को रात के अंधेरे में छोड़ दिया। किसकी सुपुर्दगी में विनय मिश्रा को पुलिस ने थाने से रात में छोड़ा। कोई विनय मिश्रा का परिजन था या वह सिपाही जिसका नाम विनय ने मीडिया के सामने लिया था क्योंकि सुप्रीमकोर्ट का आदेश है कि यदि किसी को पुलिस पकड़ती है तो पूछताछ के बाद उसके सगे सम्बन्धी को ही आईडी प्रूफ जमा कराने के बाद सौंपती है। रात में इस तरह से रंगदारी का पैसा मांगने वाले को जिसे पकड़कर थाने में बैठाया गया हो और भुक्तभोगी द्वारा तहरीर भी दी गयी जो पुलिस के रजिस्टर पर दर्ज है को छोड़ दिया जाना खुद पुलिस को कटघरे में खड़ा कर रही है। इन सब बातों का उत्तर क्षेत्रीय जनता मड़ियाहूं पुलिस और पुलिस के उच्चाधिकारियों से जानना चाहती है कि आखिर वह कौन सी बात है जिससे घबराकर पुलिस मामले को रात में ही दफन कर दी।


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