जौनपुर। RTI के रुप में जनता को सूचना पाने का जो अचूक हथियार मिला है, उसके प्रति अब लोगों की जागरुकता बढ़ी है। इससे समस्त सरकारी विभागों में कार्यों के सही ढंग से निष्पादन के लिये दबाव बना है। यह बातें राज्य सूचना आयुक्त नरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कही। वह शनिवार को वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद जायसवाल के शास्त्री नगर स्थित आवास पर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आरटीआई का मुख्य उद्देश्य सरकारी कार्यों में पारदर्शिता व कार्य के प्रति उत्तरदायी बनाना है। इसके साथ ही भ्रष्टाचार पर नकेल कसना है। इसके माध्यम से जनता को सभी विभागों की गतिविधियों की सही जानकारी मिलती है। सूचना आयुक्त ने कहा कि प्रत्येक सरकारी विभाग जनता द्वारा मांगी गई सूचना देने के लिए बाध्य है। जन सूचना अधिकारी से उसके विभाग के कार्यों के सम्बन्ध में सूचना मांगी जा सकती है। 30 दिन के भीतर सूचना न मिलने पर या मांगी गई सूचना से संतुष्ट न होने पर सम्बन्धित पीआईओ के वरिष्ठ अधिकारी के यहां प्रथम अपील की जा सकती है। यहां से भी सूचना न मिलने पर सीधे आयोग के पास शिकायत दर्ज कराया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि निर्धारित समय में सूचना न उपलब्ध कराने अथवा गलत या भ्रामक जानकारी देने पर 250 रु पया प्रतिदिन के हिसाब से 25 हजार रु पये तक का जुर्माना सम्बन्धित पीआईओ के वेतन से काटा जा सकता है। उन्होंने बताया कि जनता द्वारा मांगी गई सूचनाओं का निष्तारण आयोग द्वारा तेजी से किया जा रहा है। इसके कारण लम्बित शिकायतों की संख्या में काफी कमी आयी है। ज्यादातर वही शिकायतें लम्बित हैं जिसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।