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पूर्वांचल विश्वविद्यालय : भारत में प्रतिवर्ष बढ़ेंगे 50 लाख वाहन : प्रो. भीम


प्राचीन भारत में हर क्षेत्र में हुआ है उच्च स्तरीय शोध
पीयू में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में का हुआ समापन





जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रो. राजेंद्र सिंह भौतिकी विज्ञान संस्थान के आर्यभट सभागार में इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग के नव प्रवृत्तियों विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अंतिम दिन विशेष व्याख्यान में विशेषज्ञों ने इंजीनियरिंग के विविध आयामों पर गंभीर मंथन किया।





इलेक्ट्रॉनिक वाहन एवं चार्जिंग विषय पर बोलते हुए आईआईटी कानपुर के प्रो. भीम सिंह ने कहा कि आज के समय ढाई करोड़ से अधिक इलेक्ट्रॉनिक वाहन भारत में है। प्रतिवर्ष 50 लाख वाहन बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा के अधिकतर भाग भारत में निर्मित हो रहे हैं सिर्फ मोटर और कंट्रोलर चीन से आ रहे हैं। ई-रिक्शा में लिथियम आयन बैटरी का प्रयोग किया जाएगा तो वह जल्दी चार्ज हो जाएंगे और उनका एक दिन में अधिक प्रयोग किया जा सकेगा। प्राचीन भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की स्थिति विषय पर आईआईटी रूनकी के प्रो. जगदीश राय ने कहा कि प्राचीन भारत में हर क्षेत्र में उच्च स्तरीय शोध हुआ है। हमें अपनी भारतीय संस्कृति को और ज्ञान को समझने और बताने की जरूरत है।





अगले व्याख्यान में इंटेलीजेंट रोबोट विषय पर अपनी बात रखते हुए आईआईआईटी इलाहाबाद के प्रो. जीसी नंदी ने कहा कि दिव्यांग एवं मंदबुद्धि के लोगों के लिए रोबोटिक्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के विविध आयामों पर विस्तारपूर्वक अपनी बात रखी। इंटीग्रा माइक्रो सिस्टम बंगलौर के उपाध्यक्ष अनिमेश बिसारिया ने सूचना प्रोद्योगिकी उद्योग में नव प्रवृतियाँ विषय पर पर अपनी बात रखी।





भारत संचार निगम लिमिटेड के पूर्व सीएमडीआर के उपाध्याय ने अगली पीढ़ी के वायरलेस संचार 5जी विषय पर आयोजित अपने व्याख्यान में कहा कि 5जी मोबाइल टेक्नोलॉजी हाईस्पीड, हाइट कैपिसिटी और अत्यंत कम लेटेंसी प्रदान करती है। 5 जी के प्रयोग से बहुत सारे उद्योगों में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।





गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हिसार के प्रो. देवेंद्र मोहन, आईआईटी बीएचयू के प्रो. अनिल त्रिपाठी, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम और वर्तमान की झलक विषय पर इसरो बंगलोर के अमित कुमार सिंह, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग के नव प्रवृत्तियों पर विद्वानों ने गंभीर चर्चा की। यह सम्मेलन पीईएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग मांड्या कर्नाटका, आईयूएफईआर चेन्नई एवं वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ। सम्मलेन के अध्यक्ष प्रो. बीबी तिवारी ने अतिथि विशेषज्ञों का स्वागत किया। संचालन फार्मेसी संस्थान की शिक्षिका डा. झाँसी मिश्रा ने किया।





समापन सत्र में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के चेयरमैन प्रो. बीबी तिवारी ने सम्मेलन की रिपोर्ट प्रस्तुत की उन्होंने सम्मेलन में प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया। पीईएस इंजीनियरिंग कॉलेज मांड्या की प्रो. नाग कृष्णा ने कहा कि सम्मेलन में हुई चर्चा शोधार्थियों के लिए लाभकारी रही। सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति के लिए डॉ. मंजूनाथ, डॉ. एचडी शिशाद्री प्रथम एवं डॉ. राम्या को द्वितीय पुरस्कार मिला। समापन सत्र में आरके उपाध्याय, प्रो. अनिमेश बिसारिया, प्रो. गोपाल कृष्ण हेगड़े, डॉ. संतोष कुमार मंचासीन रहे। संचालन राजकुमार सोनी ने किया।





पोस्टर प्रतियोगिता में संदीप को प्रथम





वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 37 प्रतिभागियों ने पोस्टर के माध्यम से अपनी बात रखी। पोस्टर प्रतियोगिता में संदीप यादव की टीम को प्रथम, डॉ. राजकुमार सोनी को द्वितीय एवं मनीष प्रताप सिंह एवं पारु ल त्रिवेदी की टीम को तृतीय पुरस्कार मिला। पोस्टर प्रतियोगिता में प्रो एलएन हाजरा, प्रोफेसर जगदीश राय एवं डॉ नाग रत्ना निर्णायक मंडल में रहे।


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