मड़ियाहूं, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के शिवपुर बाईपास पर बाबा इंटर कॉलेज के पास हो रहे 51 कुंडी महालक्ष्मी यज्ञ के अंतिम दिन प्रवचन करते हुए काशी के कथावाचक अमरनाथ त्रिपाठी ने कहा कि मनुष्य कर्म से अपने भाग्य का निर्माता स्वयं बनता है संसार में ओम, राम, शिव किसी दो ढाई अक्षर नाम का सुमिरन करो बेड़ा भवसागर से पार हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि रावण बहुत बलशाली था अच्छा ज्योतिष का विद्वान था कर्म कांडी भी था लंका में भगवान शिव ने जब महल बनवाया था तो उसकी पूजा रावण ने ही कराई थी लेकिन रावण ने अपना कर्म नहीं अच्छा रखा परमेश्वर का भजन नहीं किया जिसके कारण वह राम के हाथों मारा गया। कर्म तो संसार में अनेक हैं खेती बारी, रोजी रोजगार आदि लेकिन असली कर्म है आराधना, परमात्मा का भजन। बड़े भाग्य मानुष तन पावा, सुर दुर्लभ सब ग्रंथन गावा इसलिए एक परमात्मा का भजन जरूर करें जीवन को धन्य बनाएं।
इस मौके पर अरविंद सिंह ब्लाक प्रमुख रामनगर, चंद्रशेखर सिंह, सत्य प्रकाश सिंह मुन्ना, चंद्रभान यादव, रत्नाकर, संजय सिंह, ठेकेदार बटुक सिंह, विनय कुमार सिंह झगड़ु, रामचंद्र चौबे, विजय बहादुर यादव सहित अनेक लोगों ने यज्ञ के बाद सहयोग कर भंडारे में सहयोग कर लोगों में प्रसाद वितरण किया।