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पूर्वांचल विश्वविद्यालय : महिला यायावर का नजरिया होता है संवेदनशील : डॉ कायनात काजी


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान के सभागार में शुक्रवार को यात्रा लेखन एवं फोटोग्राफी विषयक तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। यह कार्यशाला केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट सेल एवं जनसंचार विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई है।





उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि प्रख्यात यात्रा लेखिका, ब्लॉगर एवं फोटोग्राफर डॉ. कायनात काज़ी ने कहा कि अपने देश को समझने के लिए यात्रा से बेहतर कोई माध्यम नहीं है। पुरुष यायावर तो बहुत हुए है लेकिन महिला यायावर की चर्चा इतिहास में नहीं हुई है। महिला यायावर के वृत्तान्त में दुनिया को दिखाने का उसका नजरिया संवेदनशील रहेगा।





उन्होंने कहा कि अकेले यात्रा करने पर आप अपने को जान पाते है और सारे निर्णय यात्रा के दौरान खुद ही लेते है। यात्रायें समाज के हर तबके से जोड़ने का माध्यम बनती है। उन्होंने यात्राओं के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में आज भी अतिथि देवो भव का भाव है। यह देश अकेली महिला के लिए पूरी तरह सुरक्षित है तथा समय-समय पर लोग मदद करते है। उन्होंने यात्रा लेखन और फोटोग्राफी के लिए विद्यार्थियों को टिप्स भी दिए। कहा कि गूगल और विकिपीडिया से सूचनाएं खोजने की जगह मौलिक जानकारियां एकत्रित करें।





अध्यक्षीय सम्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने कहा कि आज सोशल मीडिया का दौर है जिसमें आप ही लेखक, संपादक और प्रकाशक है। अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए जो कुछ भी अभी अछूता है अपने यात्रा विवरणों को लिख कर दुनिया के सामने रखें। उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय कार्यशाला से विद्यार्थियों में निश्चित तौर पर एक नया नजरिया आएगा।





कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में जनसंचार विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज मिश्र ने कहा कि महान यात्रियों ने देश की संस्कृति और लोकाचार से विश्व को परिचित कराया है। यात्रा विवरण इतिहास की धरोहरें हुआ करती है। डॉ. कायनात जैसे यायावरों से युवा पीढ़ी को ऊर्जा मिलती है। उन्होंने कहा कि यात्रा लेखन वही कर सकते है जो राग-द्वेष से दूर हो। डॉ. मिश्र ने कार्यशाला के आयोजन हेतु कुलपति प्रो. डॉ. राजाराम यादव एवं प्रो. रंजना प्रकाश के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने डॉ. कायनात का परिचय प्रस्तुत करते हुए कार्यशाला की उपयोगिता पर प्रकाश डाला एवं विभाग के शिक्षक डॉ. सुनील कुमार ने विषय प्रवर्तन किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. चंदन सिंह एवं संचालन डॉ. अवध बिहारी सिंह ने किया। तकनीकी सत्र में आशीष श्रीवास्तव ने फोटोग्राफी की व्यावहारिक जानकारी तथा श्याम नारायण पाण्डेय ने अपने अनुभवों को साझा किया।





इस अवसर पर प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, डॉ. सचिन अग्रवाल, डॉ. दयानन्द उपाध्याय, सुधाकर शुक्ला, डॉ. विनय वर्मा, पंकज सिंह, आनंद सिंह, आशुतोष सिंह समेत जनसंचार विभाग, राज कॉलेज एवं मोहम्मद हसन पीजी कॉलेज के विद्यार्थी उपस्थित रहें।





8 फ़रवरी को लगेगी फोटो प्रदर्शनी





तीन दिवसीय र्कायशाला के संयोजक डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने बताया कि कार्यशाला के दूसरे दिन जनसंचार विभाग के प्रथम विद्यार्थी शाकम्बरी द्वारा कैमरे में कैद की गई बेहतरीन दृश्यों की प्रदर्शनी लगेगी। इसका उद्घाटन डॉ. कायनात काजी एवं केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट सेल की निदेशक प्रो. रंजना प्रकाश करेंगी।


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