जौनपुर जनपद प्राचीन काल से ही ऐतिहासिक एवं देवभूमि रहा है। महर्षि यमदग्निी ऋषि की तपोभूमि के साथ यह जनपद भगवान परशुराम की जन्म स्थली भी है। शर्की सलतनत की राजधानी रहे इस जनपद का अपना एक गौरवमयी इतिहास है। मादरडीह में हुई खुदाई से इस बात के स्पष्ट प्रमाण मिले है कि पुरा पाषाण काल में यहां नगरीय सभ्यता का विकास हो चुका था। इस जनपद के नामकरण को लेकर इतिहासकार दो खेमों में बंटे नजर आते है। कुछ इतिहासकारों का कहना है कि महर्षि यमदग्निी ऋषि के नाम पर पहले इसका नाम यमदग्निीपुरम से यमदग्निपुर और फिर जौनपुर हो गया।
वहीं कुछ इतिहाकारों का मत है कि तुकलक बंश के मोहम्मदबिन तुगलक के भाई जुना खां की मौत के बाद उसके द्वारा इसका नाम करण जुनाखांपुर किया गया जो बाद में जौनपुर हो गया। आठ जनपदों वाराणसी,गाजीपुर,आजमगढ़,अम्बेडकर नगर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, भदोही की सीमाओं से घिरा यह जनपद क्षेत्रफल के हिसाब से प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। हालांकि कुछ हिस्से काट कर भदोही, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर जनपदों को बनाया गया। इत्र, चमेली का तेल, चांदी का वर्क, फसलों में मूली, मक्का, मिष्ठान में इमरती को लेकर आज भी विश्व में अपनी ख्यात बनाए हुए हैं।
देश के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया जाए तो आज भी सर्वाधिक शाही धरोहरें इसी जनपद में स्थापित है। अध्यात्मक की दृष्टि से भी यह जनपद देश में एक अलग विशिष्ट स्थान रखता है। कहा जाता है कि अयोध्याय से वन को जाते समय भगवान श्रीराम इसी जनपद से होकर गुजरे थे। वहीं तुलसीदास ने भी इसका वर्णन किया है कि वनवास से लौटते समय आदि गंगा गोमती में श्रीराम जी द्वारा स्नान किया गया था जो आज भी पुज्यनीय है। शर्की सलतनत के कई बादशाहों की शिक्षा दीक्षा भी इसी जनपद में हुई है। जिसमें शेरशाह शूरी भी शामिल है।
शाही किला : 1362 ई. में गोमती नदी के तट पर फिरोजशाह तुगलक ने इसका निर्माण करवाया। इसमें तुर्की शैली के साथ बौद्ध शिल्प कला की छाप है।
शाही पुल : अकबर के शासनकाल में 1564 ई. में इसका निर्माण करवाया गया। पुल की चौड़ाई 26 फीट है, पुल के मध्य में चतुर्थभुजा कार शेर की मूर्ति है। जिसे हाथी पर सवार दिखाया गया है।
जामा मस्जिद (बड़ी मस्जिद) : नगर के मध्य करीब दो सौ फीट से भी अधिक ऊंचाई लिए यह मस्जिद शर्की काल की सबसे बड़ी उपलब्धि माना जाता है। इसकी बुनियाद इब्रााहिम शाह शर्की ने रखी थी लेकिन हुसैन शाह के समय में इसका निर्माण शुरू पूरा हुआ।
झंझरी मस्जिद : नगर के पूर्वी इलाके में गोमती नदी के उत्तरी तट पर विद्यमान है। इब्रााहिक शाह शर्की ने ही इसका भी निर्माण कराया था।
मस्जिद लाल दरवाजा : 1450 ई. इब्रााहिक शाह के पुत्र महमूद शाह शर्की द्वारा इसका निर्माण करवाया गया था। इसके दो स्तंभों पर संस्कृत एवं पाली भाषा में कुछ लेख लिखे गए है। इस्लामिक शैली पर बनाई गई यह मस्जिद आज भी इस्लामिक शिक्षा का मुख्य केंद्र है।
चार अंगुल मस्जिद : इब्रााहिक शाह शर्की द्वारा अपने भाइयों मलिक खालिस व मलिक मुखलिस के गुरू सुखी संत शेख उस्मान शिराजी की याद में 1417 ई. में बनवाई गई थी। इसमें लगे एक पत्थर को बच्चा, बूढ़ा या जवान जो भी नापे चारों तरफ से चार अंगुल ही उतरता था। इसी आधार पर इसका नाम चार अंगुल मस्जिद रखा गया।
अटाला मस्जिद : 1393 ई. में फिरोजशाह तुगलक द्वारा नगर के ठीक मध्य में इसकी बुनियाद रखी गई थी। 1408 ई. में इब्रााहिक शाह शर्की ने इसका निर्माण पूरा कराया।
शीतला चौकियां धाम : शक्तिपीठ के रूप में देश में विख्यात यह देव स्थल हिन्दू राजाओं के शासनकाल में बनवाया गया माना जाता है। कुछ इतिहासकार जौनपुर के पहले अहिर शासक हीराचंद्र यादव द्वारा जबकि कुछ इतिहासकार इसे भरों द्वारा बनवाया जाना मानते है।
अन्य प्राचीन स्थल : गौरीशंकर मंदिर, महादेव मंदिर, मैहर देवी मंदिर, त्रिलोचन महादेव, शिव मंदिर धर्मापुर, राम जानकी मंदिर, सार्इं नाथ मंदिर, नव दुर्गा मंदिर, गोमतेश्वर महादेव केराकत, कबीर मठ मड़ियाहूं, गुरद्वारा रासमंडल, सदर इमाम बाड़ा, पंजे शरीफ, गौसपीर दरगाह, इमामपुर रौजा, शाही ईदगाह आदि।
नदियां :
आदि गंगा गोमती, सई, वरूणा, बसुही व पीली।
तहसीलें :
सदर, शाहगंज, बदलापुर, मछलीशहर, केराकत, मड़ियाहूं ।
ब्लाक :
मछलीशहर, करंजाकला, मड़ियाहूं, रामनगर, बरसठी, मुंगराबादशाहपुर, बख्शा, बदलापुर, खुटहन, सोंधी शाहगंज, केराकत, महराजगंज, डोभी, सुजानगंज, धर्मापुर, मुफ्तीगंज, जलालपुर, सिकरारा, सुईथाकला, सिरकोनी, रामपुर।
थाना :
शहर कोतवाली, शाहगंज कोतवाली, मड़ियाहूं कोतवाली, मछलीशहर कोतवाली, केराकत कोतवाली, लाइन बाजार, बख्शा, बरसठी, चंदवक, गौराबादशाहपुर, जलालपुर, खेतासराय, खुटहन, महरागंज, सुजानगंज, मीरगंज, सिंगरामऊ, नेवढ़िया, सरायख्वाजा, सिकरारा, पवारा, मुंगराबादशाहपुर, जफराबाद, जलालपुर, सुरेरी, रामपुर, बदलापुर, महिला थाना।
नगर पालिका परिषद :
जौनपुर, मुंगराबादशाहपुर, शाहगंज
नगर पंचायत :
खेतासराय, जफराबाद, मड़ियाहूं,मछलीशहर, केराकत, बदलापुर।