सचिन समर
जौनपुर। जिले के रसैना से पकड़ी ब्लॉक रोड को जोड़ने वाले बाईपास पर पिछले कई दिनों से ट्रकों का भयंकर जाम लगा है जिससे छोटे और दुपहिया वाहनों को आने जाने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जून की देह झुलसा देने वाली गर्मी में राहगीरों के लिए यह जाम काल साबित हो रहा है।
बताते चलें कि रसैना से पकड़ी ब्लॉक चौराहे तक इस बाईपास का निर्माण 2015 में सिटी स्टेशन पर रहे ओवरब्रिज के कारण हुआ। लगभग 5 किमी और साढ़े छह करोड़ की लागत से बने इस रोड की ऐसी की तैसी हो गयी है। सुबह से रात तक इस पर लोडेड ट्रकें, मिर्जापुर से आजमगढ़, लखनऊ, दिल्ली के लिए चलती हैं यह बाईपास राजधानी को जोड़ने के साथ आर्थिक गलियारे का भी काम करता है। गिट्टी, बालू, सरिया और अन्य माल जो बड़े-बड़े ट्रकों के जरिये इसी रोड से ही गुजरती हैं।
गौरतलब हो कि वर्ष 2014 में सिटी स्टेशन पर स्वीकृत ओवरब्रिज को कई बार काम रुकने के बाद मार्च में बनकर तैयार हो जाना था। जिम्मेदार बताते हैं कि एक के बाद एक अड़चनें आने के चलते ओवरब्रिज के पूर्ण होने की तिथि चार बार बढ़ाई गई। इसके तहत मार्च 2020 तक निर्माण कार्य पूरा करना था। 90 फीसद से अधिक कार्य पूर्ण भी हो गये है लेकिन फिर कुछ अड़चन आने से यह कार्य रूक गया है।
बड़ा सवाल यह है कि अगर ओवरब्रिज के निर्माण के कारण वैकल्पिक रूप में बनाई गई सड़क जब पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है तो उसके पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी किसकी है? पिछले 6 सालों में जब यह सड़क टूटती थी तो उसे चकती लगाकर ढक दिया जाता था लेकिन अब इसकी हालत इतनी खराब है कि इस पांच किलोमीटर सड़क को दोबारा निर्माण की जरूरत है क्योंकि इसकी वैलिडिटी समाप्त हो गयी है जिसके साथ वारंटी और गारंटी की जिम्मेदारी भी।