शिवशंकर दुबे
खुटहन, जौनपुर। मरहट गांव में 52 एकड़ 16 डिस्मिल जमीन पर मालिकाना हक को लेकर नेवासेदार और पट्टीदारों के बीच तीन दशक से चल रहे विवाद का उच्च न्यायलय के आदेश पर पटाक्षेप हो गया। न्यायालय ने नेवासेदार के पक्ष में आदेश जारी कर उसमें सभी अवैध कब्जेदारों को बाहर निकालने का निर्देश दिया। जिसके अनुपालन में शुक्रवार को एसडीएम शाहगंज राजेश वर्मा, सीओ अंकित कुमार, तहसीलदार अभिषेक राय, नायब तहसीलदार अमित सिंह कई थानों की पुलिस फोर्स, दो प्लाटून पीएसी बल तथा फायर ब्रिगेड की गाड़ी के साथ गांव पहुंच गये।
सैकड़ों की संख्या में पहुंची पुलिस से पूरा गांव छावनी में तबदील हो गया। भयभीत ग्रामीणों के घर से अधिकांश पुरुष घर छोड़कर फरार हो गए। घर भीतर महिलाएं ही मौजूद दिखी। तहसीलदार ने लाउड हेरर के माध्यम से गांव में घूम-घूमकर एनाउंस किया कि सभी 52 एकड़ जमीन नेवासेदार सुरेंद्र सिंह, अमर बहादुर और धर्मराज के पक्ष में उच्च न्यायलय ने आदेश कर दिया है। उक्त भूभाग की शनिवार को पैमाइस करायी जायेगी। उसमें अवैध रूप से जितने भी कब्जेदार है। सभी स्वेच्छा से अपना कब्जा हटा लेंगे। अन्यथा की स्थिति में उन्हें जबरन बेदखल कर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई कर दी जाएगी।
ज्ञातव्य हो कि गांव निवासी बदलू सिंह को दो पुत्रियां थी। उन्होंने लगभग चार दशक पूर्व अपनी 52 एकड़ और 16 डिस्मिल जमीन दोनों पुत्रियों के नाम वसीयत कर दिया था। उसके कुछ वर्षों बाद उनका निधन हो गया। उसके बाद इसी जमीन को लेकर वर्ष 1985 में पड़ोसी शिवसहाय सिंह, राजबहादुर, धर्मेंद्र, मनोज आदि ने न्यायालय में मुकदमा दायर कर दिया। यहां के बाद मामला उच्च न्यायलय में बिचाराधीन चल रहा था। माननीय न्यायालय के नेवासेदारों के पक्ष में आदेश होते ही प्रशासन हरकत में आगया। पहले दिन पुलिस प्रशासन ने गांव में फ्लैग मार्च कर सभी कब्जेदारों को स्वयं से कब्जा हटा लेने का निर्देश दिया। जमीन की पैमाइश शनिवार को कराये जाने की सूचना दी गई।
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