नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। नगर के बलुवाघाट के मीर सैय्यद अली इमामबाड़ा में रविवार को मजलिस-ए-बरसी मरहूम सैय्यद इक़बाल क़मर हुई। मजलिस को खेताब करते हुए दिल्ली से आये मौलाना जेनान असग़र मौलाई ने कहा कि इस्लाम आज जो जि़ंदा है वो कर्बला में हज़रत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों की शहादत की वजह से है। 1400 साल पहले यज़ीदी हुकूमत ने इमाम के पूरे परिवार के साथ जो ज़ुल्म किया उसने पूरी मानवता को शर्मसार कर दिया था लेकिन इमाम हुसैन व उनके परिवार वालो ने हक़ का साथ देने के लिये अपना सर कटवा दिया पर इस्लाम को झुकने नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि आज कुछ लोग इस्लाम की दूसरी तसवीर दुनिया के सामने पेश कर रहे है हमें उनसे सतर्क रहने की ज़रूरत है, क्योंकि की इस्लाम ने हमेशा मानवता को बचाने व लोगों की मदद करना सिखाया है, बेगुनाहों का खून बहाना नहीं। इससे पूर्व पेशखानी सैय्यद क़ायम रज़ा रिज़वी, मेंहदी शीराज़ी व तनवीर जौनपुरी ने किया। सोज़खानी गौहर अली ज़ैदी व उनके हमनवां ने पढ़ा। अंजुमन गुलशन ए इस्लाम बाजारभुवा ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़ कर माहौल गमगीन कर दिया। संचालन कामिल ने किया व आभार सैय्यद अंजार क़मर व सैय्यद हसनैन कमर ''दीपू'' ने प्रकट किया।
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