नया सबेरा नेटवर्क
मुंगराबादशाहपुर, जौनपुर। भगवान अपने भक्त का उद्धार तो करते ही हैं लेकिन जो भगवान के भक्त का चरण पकड़ लेता है, उसका उद्धार पहले करते हैं। गजेन्द्र मोक्ष की कथा का वर्णन करते हुए स्वामी जी ने कहा कि गजेन्द्र का उद्धार करने से पहले भगवान ने ग्राह का पहले उद्धार किया। गजेन्द्र का साथ जब उसकी पत्नी बच्चों ने छोड़ दिया और वह डूब रहा है और ग्राह उसको जल में नीचे खींचे जा रहा है तब उसने भगवान को पुकारा- हे गोविन्द राख शरण अब तो जीवन हारे। भगवान दौड़ते हुए आए और गजेन्द्र का उद्धार किये लेकिन उसके पहले उस ग्राह का भी उद्धार किये। उक्त उद्गार नगर के कटरा मोहल्ले में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन रविवार की शाम श्रद्धालुओं के बीच पुष्कर धाम से पधारे महामण्डलेश्वर दिव्य मोरारी बापू ने व्यक्त किया। मुख्य यजमान पूर्व चेयरमैन कपिलमुनि व सुरेश सेठ रहे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ सन्त घनश्याम दास जी महाराज ने किया।
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