नया सबेरा नेटवर्क
जलालपुर जौनपुर श्रीमद् भागवत के अध्ययन मात्र से विकृत मानसिकता को बदला जा सकता है उक्त बातें कुटीर संस्थान के 84वॉ स्थापना दिवस व श्री गीता जयंती समारोह एवं सेवानिवृत्त शिक्षक व कर्मचारी सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य राजाराम शुक्ल ने कहा ऊन्होने भारतीय संस्कृति एवं वांग्मय को रेखांकित करते हुए बताया कि धर्म के मार्ग को अपनाकर मोह ग्रस्त अर्जुन युद्ध किए वही सम्राट अशोक शांति के प्रतीक बने वही कुलपति महोदय ने अपने सरलतम अभिभाषण से उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिये। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर डॉक्टर अजय द्विवेदी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी बिनोवा भावे से लेकर सभी मनीषियों का भाव इस संस्थान में व्याप्त है श्रीमद्भागवत गीता के महत्व को बताते हुए कहा कि गीता सिर्फ ग्रंथ नहीं है गीता ज्ञान है संस्कृति है वैराग्य है जीवन जीने की शैली है। धन्यवाद ज्ञापन कर रहे कुटीर संस्थान के प्रबंधक डॉ अजयेन्र्द कुमार दुबे ने आए हुए अतिथियों व सेवानिवृत्त कर्मचारियों को स्मृति चिन्ह पुष्पगुच्छ दंड देकर सम्मानित करते हुए कृष्ण नाम व्याख्या करते हुए कहा कि जीवन में शिक्षा लेनी है तो भगवान शंकर से लेनी चाहिए जिनके पास मोर शेर हाथी जो कि एक दूसरे से अलग हैं लेकिन एक साथ रहकर अपना जीवन जीते हैं उसी प्रकार छात्र सभी कठिनाइयों को झेल कर राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। इस अवसर पर प्राचार्य मेजर डॉ रमेश मणि त्रिपाठी ने महाविद्यालय एवं कार्य प्रगति की विशेषताओं को बताते हुए आए हुए आगंतुकों का अभिनंदन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुआ उक्त अवसर पर पंडित श्रीभूषण मिश्र चौकी प्रभारी युगल किशोर राय क्षमा नाथ दुबे कैलाश सिंह पवन तनय प्रमोद मिश्र प्रह्लाद मिश्र ब्रह्म देव दुबे बलदाऊ मिश्र मखोदर मिश्र अनिल सिंह मारकंडे शुक्ला कमलेश धर्मेंद्र पाठक आदि लोग उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन नीता तिवारी ने किया ।
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