नया सबेरा नेटवर्क
नई दिल्ली : किसान आंदोलन का समन्वय कर रही 7 सदस्यीय समन्वय समिति ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान केंद्र सरकार से कहा कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गईं तो दिल्ली के चारों ओर लगे मोर्चों से किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर ट्रॉली और अन्य वाहनों के साथ किसान गणतंत्र परेड करेंगे।
किसान नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि यह परेड गणतंत्र दिवस की आधिकारिक परेड की समाप्ति के बाद होगी। साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से अब से 26 जनवरी के बीच अनेक स्थानीय और राष्ट्रीय कार्यक्रमों की घोषणा भी की गई। किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि 26 जनवरी तक हमारे दिल्ली में डेरा डालने के दो महीने पूरे हो जाएंगे। हमने इस निर्णायक कदम के लिए गणतंत्र दिवस को चुना क्योंकि यह दिन हमारे देश में गण यानी बहुसंख्यक किसानों की सर्वोच्च सत्ता का प्रतीक है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने की घोषणा
इस अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने अब से गणतंत्र दिवस तक आंदोलन को तेज और व्यापक बनाने के अनेक कार्यक्रमों की घोषणा की। इस आंदोलन को पूरे देश में गति देने के लिए 6 जनवरी से 20 जनवरी तक देश जागृति पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस पखवाड़े में देश के हर जिले में धरने और मार्च आयोजित किए जाएंगे। किसानों में और बाकी जनता में जागृति लाने के लिए अनेक स्थानों पर रैलियां और सम्मेलन आयोजित होंगे।
मार्च की चेतावनी
अगर सरकार से 4 जनवरी की वार्ता विफल रहती है तो 6 जनवरी को किसान केएमपी एक्सप्रेसवे पर मार्च निकालेंगे। उसके बाद शाहजहांपुर में मोर्चा लगाए किसान भी दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। 13 जनवरी को लोहड़ी/संक्रांति के अवसर पर देशभर में किसान संकल्प दिवस मनाया जाएगा और इन तीनों कानूनों को जलाया जाएगा। 18 जनवरी को महिला किसान दिवस मना कर देश की खेती में महिलाओं के योगदान को रेखांकित किया जाएगा।
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