नया सबेरा नेटवर्क
मुंबई। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल से अनुरोध किया है कि वह सिंचाई विभाग को तुरंत आदेश दें कि वह उल्हास नदी को प्रदूषित करने वाले म्हारल और मोहोने नाला को तत्काल बंद किया जाना चाहिए और 45 लाख लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराए। जल्द ही शहरी विकास और पर्यावरण विभाग के साथ बैठक से इस मुद्दे को स्थायी रूप से हल करने की उम्मीद है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल को उल्हास नदी के संबंध में एक पत्र भेजा है। अनिल गलगली ने पत्र में उल्लेख किया है कि नितिन निकम और उनके साथी उल्हास नदी को प्रदूषित करने वाले म्हारल-मोहोने नाला को तुरंत बंद करने की भूख हड़ताल पर हैं। उल्हास नदी में आने वाला सीवरेज 45 लाख नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।महाराष्ट्र सरकार, उल्हासनगर और कल्याण-डोंबिवली नगर निगम को कार्रवाई करनी चाहिए। दुर्भाग्य से, सिंचाई विभाग भी पानी की आपूर्ति के लिए लाखों रुपये चार्ज कर रहा है, लेकिन स्वच्छता पर ध्यान नहीं देता है।अनिल गलगली ने अफसोस जताया कि किसी भी सरकारी अधिकारी ने इस मुद्दे पर अनशन पर बैठे सतर्क नागरिकों से मुलाकात कर भूख हड़ताल खत्म करने का सरल प्रयास नहीं किया ।अधिवेशन समाप्त होते ही जल संसाधन विभाग शहरी विकास और पर्यावरण विभाग के साथ उल्हास नदी पर एक बैठक करेगा और गलगली को उम्मीद है कि यह मुद्दा स्थायी रूप से हल हो जाएगा।
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