ब्लॉक व एक शहर का यानी दो अफ़सरों ने झील में दो बीघा से अधिक ज़मीन घेर लिया
"कैलाशनाथ सिंह"
जौनपुर। दो दशक पूर्व झील में दो बीघा से अधिक ज़मीन दो अधिकारियों ने कब्जा करके होटल व पिकनिक स्पॉट बना दिया। यह दीगर है कि ये पिकनिक स्पॉट निजी होने के चलते जो पैसा उगल रहा है वह बाबू रूपी ब्लॉक अफ़सर की जेब में जा रहा है। शहर वाला अफ़सर छद्म रूप से इसमें हिस्सेदार है। झील में तब और आज भी जिसकी लाठी उसकी भैंस जैसा हाल है।
नए पाठकों को वर्ष 2000 से पूर्व ले चलता हूँ। कहीं से तबादला होकर एक अफ़सर यहां आ चुका था। उसके पास दो विशेष कला थी, ज़मीन और जोरू कब्जा करने की। जिले के सम्भ्रांत लोगों और तब के नेताओं को महज सम्मान चाहिए था, वह मिलने पर लोग उसकी तारीफों के पुल बांधने लगते थे। कुछ तो कालांतर में कहते थे कि ये अधिकारी हिप्नोटिज्म जनता था। खैर अपनी फ़िजा बनने के बाद यह अफ़सर खुद को अघोषित कृष्ण मानने लगा। उसे तब अधिकतर युवतियों में गोपियाँ नज़र आने लगीं। पैसा भी बरसने लगा और वह ऐय्याशी में लग गया। इसी दौरान बाबू रूपी ब्लॉक वाला अफ़सर सम्पर्क में आया और झील में ज़मीन कब्ज़ा कर इमारत खड़ी कर दी। वह अफ़सर प्रोन्नति पाकर पास के ही जिले से रिटायर हो गया। वह कुरूप तो हो गया है लेकिन एक कथित बाबा जो उससे भी बड़ा गुरुघण्टाल है उसके संस्थान में उच्च पद पर आसीन हो गया। यानी उसके पैसे व ऐय्याशी की भूख नहीं खत्म हुई। बाद में दूसरे बाबू ने अपने घर के ही एक अधिकारी के भरोसे बहुमंजिली इमारत बना ली। यूं तो शहर के अधिकतर होटलों में आधुनिक तरीके से चकले चलते हैं लेकिन नियमित हफ्ता महीना देने वालों के यहां छापे कम पड़ते हैं पर इस इमारत में तो नए पैसे वालों की बिगड़ी औलादों को छोड़ने की एवज में पुलिस की कमाई बोनस के तौर पर लाखों में हो जाती है। इस तरह सरकारी महकमें की कई तरीके से यहां कमाई होती है। चुनाव के दौरान जिताऊ उम्मीदवार को भी मोटी रकम झील में मंगल करने वाले पहुंचाते हैं।
चकाचक बनारसी की एक कविता है,, चकला छलावे के होखे त पुलिसन के साट ला, ये ही बदे एहनन क रतीयय में गश्त हव। माफ़ करिएगा पूरी कविता नहीं लिख रहा।
60 के दशक में विनियमित क्षेत्र चांदमारी से लेकर गोमती किनारे तक रहा। इसके बाद अफ़सर, बाबू और लेखपाल के साथ सरकारी जमीन कब्ज़ा करने वाले झील में इस तरह टूट पड़े जैसे जंगल में शिकार करने के बाद शेर जब चला जाता है तब गिद्ध, कुत्ते, लोमड़ी, पिस्सू आदि अपनी ताकत के अनुसार मरे जानवर को नोचते हैं। खैर इनका लेखाजोखा तैयार हो रहा है जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के सामने होगा, ऐसा इसलिए कि उनकी ईमानदारी पर मुझे भरोसा है। ,,,,,,,,क्रमशः
from Naya Sabera | नया सबेरा - No.1 Hindi News Portal Of Jaunpur (U.P.) https://ift.tt/3fbWqkP
Tags
recent