नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। एक तरफ कोरोना वायरस चरम पर है वहीं दूसरी तरफ पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी परदेशियों को फोन कर रहे हैं और उन्हें गांव बुला रहे हैं। मजे की बात तो यह है कि बहुत सारे ऐसे भी प्रत्याशी हैं जो कभी हाल चाल के लिए भी फोन नहीं किये होंगे लेकिन इस चुनाव जीतने के लिए फोन करके आशीर्वाद मांग रहे हैं। इतना ही नहीं परदेशियों को गांव बुला रहे हैं। कुछ परदेशी तो उन्हें आश्वस्त कर दे रहे हैं कि वह गांव आएंगे और जमकर आपका प्रचार करेंगे लेकिन कुछ तो उन पर भड़क जा रहे हैं। कह रहे है कि वैसे तो कभी फोन नहीं किये अब चुनाव लड़ रहे हो तो हमारी याद आ गयी। गंवई राजनीति को लेकर गांव से लेकर परदेश तक मतदाताओं को रिझाने, लुभाने और अपने पक्ष में करने के लिए प्रत्याशी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अब उनके किस्मत में क्या लिखा है यह तो समय के गर्भ में हैं।
मुंबई, दिल्ली, गुजरात समेत कई प्रांतों में गांव से आ रहे फोन
उत्तर प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव में प्रत्याशी अपने समर्थकों, घर के लोगों और गांव वालों को जो परदेश में रह रहे हैं उन्हें फोन करके गांव बुला रहे हैं, तो वहीं कुछ ऐसे परदेशी भी हैं जिनके रिश्तेदार, पटीदार और घर के लोग चुनाव लड़ रहे हैं। कुछ तो गांव जाने के लिए हैं तो कुछ गांव के लिए निकल गये हैं। इन दिनों जौनपुर से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी परदेशियों को बराबर फोन कर रहे हैं। पहले हालचाल के लिए फोन नहीं आते थे लेकिन अब उनका एक दो वोट लेने के लिए उन्हें गांव बुलाया जा रहा है।
पतियों पर भड़क जा रही पत्नियां
कुछ ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जब कोई प्रत्याशी घर के मुखिया को चुनाव के लिए गांव बुलाने की बात कर रहा है तो उसका फोन कटने के बाद महिलाएं पुरूषों पर भड़क जा रही हैं। कह रही है कि कभी हाल चाल के लिए फोन किया था जो अब कर रहा है। कोई जरूरत नहीं हैं गांव जाने की। हां अगर फ्लाइट का टिकट आने जाने का और एयरपोर्ट से गांव तक आने—जाने की सुविधा मिलेगी तो गांव जाने के लिए एकबार सोचेंगे लेकिन ऐसे लोगों के लिए हमें गांव नहीं जाना जो सिर्फ अपना स्वार्थ देख रहे हैं।
प्रत्याशी का रिमोट कंट्रोल किसी और के हाथ में
पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी का रिमोट कंट्रोल उनके साथ चलने वाले लोगों के हाथ में रहता है। वो जो कहते हैं प्रत्याशी वहीं कर रहा है। गांव की पगडंडियों पर घूम—घूमकर वोट मांगा जा रहा हैं। प्रत्याशी जिसे भी देख रहा है लपककर तुरंत उसका पैर छू रहा है। एक—एक वोट की आस में उसे बहुत मेहनत करनी पड़ रही है। वहीं गांव से दूर रहने वाले लोगों को भी वहीं लोग फोन करवा रहे हैं। कुछ को प्रत्याशी भी खुद से फोन कर रहा है।
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