नया सबेरा नेटवर्क
अनाथ सोनम के घर पहुंच कर दी आर्थिक मदद
18 साल पहले पिता, अब मां का सिर से उठा साया
हिम्मत बहादुर सिंह
जौनपुर। हर इंसान को जीने के लिए ईश्वर कोई न कोई सहारा देता है। ऐसा ही कुछ सहारा बन कर वाराणसी में अपनी मां का अंतिम संस्कार कर लौटी अनाथ सोनम जायसवाल के लिए माउंट लिट्रा जी स्कूल के निदेशक तथा सुधाकर फाउंडेशन महाविद्यालय पिलखिनी के प्रबंधक अरविन्द सिंह सामने आए। मां अब मुझे कौन संभालेगा, किसके भरोसे छोड़कर जा रही हो मुझे वाक्य को पढ़कर अरविन्द सिंह को अंदर से झकझोर दिया और वह उसी वक्त यह संकल्प लिए कि इसकी परवरिश मैं अपनी लड़की जैसे करूंगा। वह सीधे पिलखिनी गांव सोनम के घर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मंगलवार 2021 से सोनम जायसवाल के भरण-पोषण, पढ़ाई, नौकरी तथा उसका कन्यादान कर शादी का सारा खर्च उठाउंगा। उसे किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दूगां। बताते चले कि पिलखिनी गांव निवासी अनाथ सोनम का बचपन ही गरीबी से शुरू हुआ। 18 साल पहले उसके पिता पंचदेव साहू का निधन हो गया। चार साल पहले सगे भाई मनोज साहू दहेज हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं। मां कमला देवी ही उसके जीवन का एक मात्र सहारा थी। मां घर के बाहर ही एक छोटी सी गुमटी में सामान रख कर बेचती थी और उसी के सहारे मां, बेटी का जीवन किसी प्रकार से कट रहा था। सोनम (22) हाईस्कूल तक ही पढ़ाई कर पाई थी। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह पढ़ाई छोड़ दी थी। ज्ञातव्य हो कि ईश्वर की परीक्षा बहुत कठिन होती है। कोरोना की ऐसी महामारी आई की सोनम की सहारा बनी मां कमला देवी भी उसका सहारा छोड़ कर दुनिया से चली गई। ऐसे में अरविन्द सिंह ने उसके घर पहुंच कर जो स्नेह दिया उससे उसके आंसू थोड़ी थम गए और उसने साफ तौर पर कही कि अरविन्द भैया आज से मेरे मां और बाप दोनों हैं। अरविन्द सिंह ने उसे आर्थिक मदद के रूप में नकद दिया और हर संभव मदद के लिए तैयार रहने को कहा। इस मौके पर माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश सिंह, चेतन सिंह, राहुल सिंह, हरिवंश सिंह, विनय सिंह, उमानाथ सिंह, इंद्रासन सिंह, अभिषेक श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
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