नया सबेरा नेटवर्क
आर्ट टॉक में शामिल हुईं मध्यप्रदेश की चित्रकार मनीषा अग्रवाल
अस्थाना आर्ट फोरम के ऑनलाइन मंच पर ओपन स्पसेस- आर्ट टॉक एंड स्टूडिओं विज़िट का चौथा भाग का सफल आयोजन हुआ
लखनऊ। अस्थाना आर्ट फोरम के ऑनलाइन मंच रविवार को चौथे संस्करण के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस वर्चुअल आर्ट टॉक एंड स्टूडिओं विज़िट के इस कड़ी में मध्यप्रदेश इंदौर की महिला कलाकार मनीषा अग्रवाल और विशेष अतिथि के रूप में लखनऊ स्थित फ्लोरेसेंस आर्ट गैलरी की डायरेक्टर नेहा सिंह साथ मे कलाकार से बातचीत करने के लिए नई दिल्ली के कलाकार व क्यूरेटर अक्षत सिन्हा रहे। चौथे संस्करण में इंदौर मध्यप्रदेश की युवा कलाकार मनीषा अग्रवाल ने नई दिल्ली के कलाकार एवं क्यूरेटर अक्षत सिन्हा के साथ बातचीत की। अस्थाना आर्ट फोरम द्वारा संचालित इस zoom call में लखनऊ स्थित फ्लोरेसेंस आर्ट गैलरी की संचालिका नेहा सिंह ने भी मनीषा की कला पर अपने विचार रखे। मनीषा इंदौर में ही अपने चित्रकार पति तथा पुत्र के साथ रहती है और अपनी कला पर कार्यरत हैं। प्राचीन मिनिएचर कला उनके जलरंग चित्रों में झलकती है। पर्यावरण व लुप्त होते पशू-पक्षी तथा प्रकृति को वह अपनी चित्रों में बखूबी प्रस्तुत करती हैं। उनके चित्र कई व्यक्तिगत संग्रह व आर्ट गैलरी के पास हैं। उन्होंने अपने आस-पड़ोस के 500 फूलों की भी एक श्रृंखला बनाई है ताकि आने वाले समय में जब यह सब नहीं बचेंगे, आने वाली नस्लों को भी देखने के लिए प्रमाण होंगे। सब ने उनकी सोच की भरपूर सराहना की तथा उनकी कला शैली व उस पर उनकी सजग पकड़ की भी प्रशंसा की।
इस कार्यक्रम के क्यूरेटर भूपेंद्र अस्थाना ने बताया कि मनीषा अग्रवाल अपने चित्रों में पर्यावरण के वर्तमान हालात और वन्य जीवों के प्रति संवेदना और उन जीवों पर मंडराते खतरों और पर्यावरण, वन्य जीवों को बचाने को लेकर अपने विचारों के माध्यम से एक अनूठी शैली में चित्रित करती हैं। मनीषा के चित्र इंसान को सन्देश देते हैं साथ ही सजग भी करते हैं। चित्रों में जानवरों को ऑक्सीजन सिलेंडर भी लगाया हुआ दिखा। जो वर्तमान स्थिति को संकेत है। मनीषा कहती हैं कि प्रकृति असंतुलित हो गई है। आज हम आसानी से किसी भी पक्षी या वन्यजीवों को नहीं देख सकते। इंसान के जीवन के लिए प्रकृति को संतुलित होना बहुत जरूरी है। मनीषा ने जीव जंतुओं को बचाने के लिए जार का प्रयोग प्रतीकात्मक रूप में किया है। जैसा कि हम म्यूजियम या प्रयोगशालाओं में देखते हैं। मनीषा ने इंदौर मध्यप्रदेश के गवर्नमेंट फाइन आर्ट्स कॉलेज से स्नातक और स्नातकोत्तर किया।अनेकों सामूहिक कला प्रदर्शनियों, कार्यशालाओं, रेसीडेंसी में भाग लिया है । कई कला पुरस्कारों से सम्मानित भी हैं मनीषा अग्रवाल। मनीषा इंदौर ( मध्यप्रदेश) स्थित अपने स्टूडिओं मे स्वतंत्र कलाकार के रूप में कार्य कर रही हैं। कलाकार हमेशा से लोगों को सचेत करते रहे हैं अपने अपने कला के माध्यम से और आज भी कर रहे हैं। कलाकार की प्रकृति को लेकर बड़ी चिंताएं हैं। कटते पेड़, लुप्त होते जीव जन्तु आदि जो धरती पर इंसान के जीवन के लिए बड़ी समस्या है। मनीषा ने जलरंग में पेपर पर अपने कृतियों की रचना की है। मनीषा कहती हैं कि यदि प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया गया है जिसके कारण आज की भयावह स्थिति देखने को मिल रही है। मनीषा ने बहुत से चित्रों की श्रृंखला भी बनाई है जिनमे फूल, और कुछ जीव जंतु भी हैं। चित्रों में कुछ वन्य जीव बॉटल में बंद हवा ले रहे हैं। एक गैंडा जो अपने सिंग पर ग्लोब लिया है यह पृथ्वी को बचाने का संदेश है।
यह कार्यक्रम अस्थाना आर्ट फोरम के ऑनलाइन मंच ( ज़ूम पर ) पर किया गया। साथ ही इस ऑनलाइन कार्यक्रम में देशभर से अनेकों कलाकार और कलाप्रेमी भी शामिल हुए।
- भूपेंद्र कुमार अस्थाना
आर्टिस्ट, क्यूरेटर
अस्थाना आर्ट फोरम
9452128267 , 7011181273
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