नया सबेरा नेटवर्क
मुंगराबादशाहपुर,जौनपुर। प्रदेश सरकार एवं चुनाव आयोग के अदूरदर्शिता पूर्ण निर्णय से शिक्षकों के जान पर बन आयी है तभी तो शहनाई बजने की जगह घर मे मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। बताते हैं कि स्थानीय मुंगराबादशाहपुर नगर के गुड़हाई मुहल्ला निवासी सन्तोष कुमार की 30 वर्षीय पुत्री स्वाती बुलन्दशहर के मोहाना में स्थित चौबीस कन्या इंटर कालेज में सोशल साइन्स की अध्यापिका थी। विगत 5 अप्रैल को वह हँसी खुशी बिल्कुल ठीक हालत में अपनी शादी का कार्ड लेकर अपने सहयोगियों को देने घर से बुलन्दशहर गयी। वहां पहुँचने पर स्वाती को पता चला कि उसकी ड्यूटी पंचायत चुनाव में लगा दी गयी है तो स्वाती अपने शादी का कार्ड और चुनाव में लगी ड्यूटी को कटवाने का प्रार्थनापत्र लेकर सीधे जिलाविद्यालय निरीक्षक कार्यालय पहुँची और उनसे मिलकर अपनी शादी की चिट्ठी और प्रार्थनापत्र देते हुए यह कहकर की 29 अप्रैल को चुनाव है और 30 अप्रैल को ही उसकी शादी है अपनी चुनाव ड्यूटी कटवाने का निवेदन किया लेकिन जिलाविद्यालय निरीक्षक द्वारा कुछ भी नहीं सुना गया। परिजनों का कहना है कि स्वाती विगत 14 अप्रैल को पंचायत चुनाव की ट्रेनिंग में गयी थी वहीं किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आकर खुद भी संक्रमित हो गयी। शाम तक कमरे पर पहुँचने से पहले ही उसकी तबियत खराब हो गयी तो उसने निजी चिकित्सक से परामशर््ा लेकर दवा लिया लेकिन कोई राहत न होने पर उसने 15 अप्रैल को अपना कोविड जाँच आरटीपीसीआर कराया जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसे सहयोगियों ने 16 अप्रैल को लाला लाजपतराय मेडिकल कालेज के कोविड सेन्टर में भर्ती कराते हुए परिजनों को सूचित किया। सूचना मिलते ही माँ शोभारानी व भाई हरिओम तत्काल वहां रवाना हो गए वहाँ पहुँचने पर देखा कि स्वाती की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा है। इलाज के दौरान ही स्वाती की 23 अप्रैल को मृत्यु हो गयी। कोरोना संक्रमण होने के कारण मेडिकल कालेज से शव भी परिजनों को नहीं मिल सका। अस्पताल द्वारा कोविड प्रोटोकॉल के तहत 24 अप्रैल को गाजियाबाद के गढ़मुक्ते·ार स्थित वृजघाट पर परिजनों की उपस्थिति में स्वाती का अन्तिम संस्कार कर परिजन घर वापस लौटे। स्वाती अपने पिता की चार संतानों में सबसे बड़ी और पढ़ने में भी कुशाग्र बुद्धि की थी। उसका चयन माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड से हुआ था। परिवार की माली हालत अत्यन्त दयनीय है। माता पिता ने मध्यप्रदेश के रीवा निवासी एक शिक्षक लड़के से शादी तय कर दिया था। जिसकी शादी 30 अप्रैल को होनी थी लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था कि जिस घर मे शहनाई की गूंज होनी थी वहां मातमी सन्नाटा छाया हुआ है। स्वभाव से मृदुभाषी एवं मिलनसार स्वाती के मौत की खबर से जहाँ परिजन शोकाकुल हैं वही समूचे मुहल्ले एवं पासपड़ोस में भी मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। परिजनों नेे सरकार से मांग किया कि कोरोना वारियर्स को दी जाने वाली सहायता राशि 50 लाख रु पए का सहयोग स्वाती को भी मिलना चाहिए।
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