नया सबेरा नेटवर्क
सिकरारा, जौनपुर। परिषदीय विद्यालयों में एनजीओ या किसी अन्य बाहरी संस्थाओं का प्रवेश परिषदीय विद्यालयों की शिक्षण व्यवस्था को ध्वस्त करने को दावत देना है व प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले करोड़ों बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है। उक्त बातें प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष राजेश सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि 24 मई को महानिदेशक स्कूली शिक्षा द्वारा प्रदेश के सभी शिक्षकों को एक पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया कि गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) कन्वीजीनियस द्वारा फरवरी 2021 से अप्रैल 2021 तक प्रदेश के 8 जनपदों के परिषदीय विद्यालयों के कक्षा 6-8 तक बच्चों के लिये व्हाट्सएप आधारित मूल्यांकन एवं उपचारात्मक अध्ययन मंच नाम से कार्यक्रम संचालित किया गया। उपरोक्त संस्था ने प्रदेश के विद्यालयों में इस पद्धति से पढ़ाई का प्रस्ताव बेसिक शिक्षा परिषद विभाग के सामने रखा है। जिसको स्वीकार करते हुए विभाग ने इस एनजीओ के साथ पूरे प्रदेश के विद्यालयों में एनजीओ को पढ़ाने की अनुमति देने सम्बंधित प्रस्ताव शासन में भेजा है। श्री सिंह ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षक का चयन आरटीई नियमों के तहत की जाती है। वहीं एनजीओ में पढ़ाने वाले शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता व उनकी शिक्षण कुशलता के बारे किसी को कोई जानकारी नहीं है। इस तरह से गैर सरकारी संगठन को परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाने का कार्य देना न सिर्फ प्रदेश के करोड़ों बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है अपितु यह आरटीई एक्ट के भी विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के करोड़ों बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की सरकार से मांग है कि परिषदीय विद्यालयों को इन एनजीओ की मकड़जाल से दूर रखें।
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