नया सबेरा नेटवर्क
कोरोना काल में डिजिटल कनेक्टिविटी सुविधा मानवीय जीवन में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रही है - एड किशन भावनानी
गोंदिया - भारत में अगर हम कुछ दशक पूर्व की बात करें तो वरिष्ठतम एवं वरिष्ठ नागरिकों के अनुभव ले तो हमें पोस्टकार्ड, लिफाफा, अंतरदेसी, टाइपिंगमशीन कोयले इंजन की रेलगाड़ी, साइकिल के अनुभव सहित अनेक यादें ताजा हो जाएगी और उन्होंने वर्तमान डिजिट लाइजेशन युग की कल्पना भी नहीं की होगी कि एक दिन ऐसा आएगा कि घंटों का काम मिनटों में और मिंटों का काम सेकंडों में हो जाएगा।...साथियों दशकों पूर्व की बात तो यह थी, परंतु अगर हम पिछले डेढ़ साल की बात अगर वर्तमान पीढ़ी से करें, तो इस करोनाकॉल अवधि में बिना डिजिटलाइजेशन के और बिना आधुनिक सुविधाओं में क्या हाल होता??? जिसकी कल्पना भी करके ह्रदय सिहर उठेगा कि, क्या हाल होता हमारा? साथियों...बात अगर हम भारत में डिजिट लाइजेशन की शुरुआत की करें तो भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने की दृष्टि से डिजिटल इंडिया पहल शुरू की गई थी। डिजिटल इंडिया अभियान को 1 जुलाई 2015 को पीएम द्वारा लॉन्चकिया गयाथा डिजिटल इंडिया की 1 जुलाई को छठिवीं वर्षगांठ पर एक बहुत ही संवादात्मक और सूचनात्मक सत्र हुआ, जिसमें पीएम ने देशभर के डिजिटल इंडिया के लाभार्थियों से बात की। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है क्योंकि हमें पीएम से जो मार्गदर्शन और समर्थन मिला है, वह अद्वितीय है। कार्यक्रम का आयोजन वर्चुअली हुआ। इसका प्रसारण डिजिटल इंडिया के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मफेसबुक और यूट्यूब चैनल पर हुआ।...साथियों वैसे 1 जुलाई 2021 का दिन 3 तरह से महत्वपूर्ण है पहला डिजिटल इंडिया की 6वीं वर्षगांठ दूसरा,डॉक्टर्स डे और तीसरा, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स डे, अगर तीनों को हम मिला दें तो हम कह सकते हैं कि 1 जुलाई इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी डे है...। साथियों बात अगर हम कोरोना काल में डिजिटलाइजेशन की भागीदारी की करें तो, कोरोना के इस काल में कई शहरों के स्कूल कॉलेज में इसी की मदद से वेरिफिकेशन किया जा रहा है। बिजली बिल, पानी बिल, इनकम टैक्स भरना काफी आसान और तेज डिजिटल इंडिया से हुआ है। गरीबों को मिलने वाले राशन की डिलीवरी को आसान हुआ है। एक ही राशन कार्ड पुर्र देश में मान्य है।करोना कॉल को देखते हुए, पीएम ने कहा कि शिक्षा का डिजिटल होना आज समय की मांग है। अब हमारी कोशिश है कि गांव में सस्ती और अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी मिले। सस्ते मोबाइल और दूसरे माध्यम उपलब्ध हो ताकि गरीब से गरीब बच्चा भी अच्छी पढ़ाई कर पाएं। उन्होंने ई-नाम योजना के लाभार्थी के साथ भी बात की। उनके अनुसार ई-नाम पोर्टल इसलिए बनाया गया है ताकि किसान देश की सभी मंडियों में अपनी फसल का सौदा कर सके। इस पोर्टल पर किसान और व्यापारी बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं।...साथियों इस डिजिटलाइजेशन युग में हम देख रहे हैं कि हमारा काम एक सेकंड में हो जाता है। हमारा काम जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, कोई भी इस सर्टिफिकेट, कोई भी बिल पेमेंट करना,रिटर्न भरना, शिक्षा क्षेत्र के कई काम, किसानों को फायदा, वन नेशन वन कार्ड, गरीब को राशन डिलीवरी आसान होना, भ्रष्टाचार पर चोट, कोरोना काल में डिजिटलाइजेशन का बहुत फायदा, लकडाउन में सुविधा, डिजिटलाइजेशन से प्रमाण पत्र और दस्तावेज को सुरक्षित करना, सरकारी काम इत्यादि हर स्तर पर बहुत आसान हो गया है। साथियों... बात अगर हम भ्रष्टाचार पर चोट की करें तो डिजिटलाइजेशन में सबसे अधिक करारी चोटभ्रष्टाचार पर पड़ी है, क्योंकि आज हर काम ऑनलाइन हो गया है, हर लाभार्थी के बैंक खाते में पैसे क्लिक करते ही ट्रांसफर हो जाते हैं। पीएम ने भी कहा है कि, सबको अवसर, सबको सुविधा, सबकी भागीदारी. डिजिटल इंडिया यानि सरकारी तंत्र तक सबकी पहुंच। डिजिटल इंडिया याने पारदर्शी, भेदभाव रहित व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर चोट है। डिजिटल इंडिया यानि समय, श्रम और धन की बचत। डिजिटल इंडिया यानि तेज़ी से लाभ, पूरा लाभ, डिजिटल इंडिया यानि मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिम गवर्नेंस है। ई पोर्टल पर किसान और व्यापारी बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं।इससे पहले केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी ने कहा कि छह साल डिजिटल इंडिया के पूरे हो गए। गरीबों के बैंक खाते खोले गए। कल्याणकारी योजनाओं के पैसे सीधे गरीबों के बैंक खाते में डाले हैं।...साथियों बात अगर हम डिजिटलाइजेशन के सुदृढउपयोग की करें तो पीएम ने उज्जैन की फल का व्यापार करने वाली 41 वर्षीय नाज़मीन नाम की महिला से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की जिसे अब डिजिटल नाज़मीन नाम से जाना जाता है, जो अपनी फ्रूट व्यापार की खरीदी बिक्री पूरी तरह से डिजिटल पेमेंट से खुद ऑनलाइन करती है। सभी व्यवहार वह डिजिटल माध्यम से ही करती है इसलिए उसका नाम ही बदल गया और डिजिटल नाजमीन नाम हो गया। इसी तरह पीएम ने देशभर के सात स्ट्रीट वेंडरों से बात की जिसमें एमपी की यह महिला और अन्य राज्यों के किसान सहित अन्य लोग शामिल थे। अतः उत्तर पूरे विवरण का अगर हम अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तोडिजिटल इंडिया 21वीं सदी में नया जयघोष है। भारत के सामर्थ्य, संकल्प,भविष्य के असीम संभावनाओं, की चाबी है। कोरोना काल में डिजिटल कनेक्टिविटी सुविधा मानवीय जीवन में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रही है।
-संकलनकर्ता-कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
from Naya Sabera | नया सबेरा - No.1 Hindi News Portal Of Jaunpur (U.P.) https://ift.tt/3AoEf3a
0 Comments