हम भारत के निवासी है
शिव जैसे सन्यासी है ,
इस भारत पर खून बहा देंगे
हम ऐसे गृह के वासी हैं।
जब शुरू हुआ युद्ध गद्दारों से
चीन और पाकिस्तानो से
हमने सर पर कफ़न को बांधा
चिंगारी निकाली अपनी आंखो से।
तिरंगा तो हमारे देश की शान है
इसके लिए तो हर जान कुर्बान हैं
इसमें रंगो की माला अनेक है
फिर भी यह एकता का प्रतीक है।
इंडियन आर्मी को कोई आंख दिखा नहीं सकता
उनके रहते हमारे देश को कोई
नुकसान पहुंचा नहीं सकता ,
जब तक हमारे देश का एक भी जवान जीवित है
कोई परिंदा भी पर मार नहीं सकता ।
भगत सिंह और मंगल पांडे की कुर्बानी कभी खराब नहीं होगी
कितनी भी ताकत कोई लगा ले
फिर भी हमारी शिकस्त नहीं होगी।
हम हंसते हंसते चढ़ जाएंगे तुम्हारे ऊपर और फाड़ देंगे तुम्हारी छाती
क्युकी हम तो देश प्रेम में पागल है
हम ही है मतवाले हाथी ।
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