कैचवर्ड,,, महायोजना
- झील से गुजरा हुआ विलीन, बाढ़ आई तो मुम्बई के जुहू चौपाटी से होगा नजारा
- इस होटल में लगा है एक रिटायर्ड प्रशासनिक अफ़सर का बेनामी पैसा, अब वह एक बाबा को लगा रहा चूना
जौनपुर। साढ़े छह दशक पूर्व बनी महायोजना में जो जमीन झील की थी वह महायोजना 2021 में पार्क में बदल गई। ये हम नहीं, सरकारी कागज़ बोल रहे हैं। वाजिदपुर तिराहे के पास स्थित एक होटल व मालिक के नामों से जारी नोटिस यही लिखा है। आदेश है कि क्यों न पूर्व में किए गए निर्माण की गिरा दिया जाए।
अब इस होटल की कहानी सुनिए जो झील की तलहटी में खड़ा है। सहयोग देखिए कि जिस नियत प्राधिकारी एवं सिटी मजिस्ट्रेट के जरिये नोटिस जारी हुई है उसी स्तर के अधिकारी का बेनामी पैसा इसमें लगा है। दो दशक पूर्व इसका निर्माण हुआ उससे पूर्व यह अफ़सर यहां तैनात रहा। इस अफ़सर का गुणगान जनपद में बहुतों के मुँह से सुनने को मिलता है। हाल के वर्षों में यह आज़मगढ़ से रिटायर हुआ तो एक कथित बाबा के बड़े संस्थान में तैनाती पा गया। इधर होटल दिन दूनी रात चौगुनी वाली रफ्तार से बढ़ता रहा। अब तो इसके माथे पर पांच स्टार लग गया है।
इस होटल मालिक ने थोड़ी बहुत ज़मीन नहीं कब्जाई है, इसने तलहटी में से नाला घुमाकर वहां करीब एक बीघे में पार्क बारातियों के लिए दक्षिण और इतनी ही ज़मीन होटल के उत्तर में पार्क बनाया जो विविध कार्यक्रमों के काम आ रहा। मैरिज हॉल के साथ इन पार्कों की कीमत शादी समारोहों में वसूल होती रहती है। होटल के कमरे समारोहों के अलावा घण्टे के हिसाब हुई बुकिंग में पैसे बरसाते हैं। बहुत वर्षों से बाढ़ नहीं आई। यदि भाविष्य आ गई तो यह स्थान मुम्बई के जुहू चौपाटी को मात देने लगेगा। इसी के सीध में उत्तर दिशा में सबको नोटिस मिल गई है। ज़मीन की नवैयत पार्क या ग्रीनलैंड के रूप में है। सभी मे अस्पताल, अन्य शॉपिंग काम्प्लेक्स अवस्थित हैं।
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