#JaunpurLive : रामदेव के हाथ में है सरस्वती का वास , पलक झपकते ही उतार देते हैं महापुरुषों की तस्वीर



जयनगर (कोडरमा)। कभी मार्बल पर खोदकर तो कभी फाइबर बोर्ड पर पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से उभारकर। कभी दीवार या अन्य किसी सतह पर पेंटिंग बनाकर। चित्रकारी के साथ-साथ मूर्तिकला की हर विधा में पारंगत हैं रामदेव। रामदेव पलक झपकते ही ग्रेनाइट पत्थर पर खुदाई करके महापुरुषों की तस्वीर को आसानी से उतार देते हैं। इसी तरह फाइबर के शीट पर पीओपी व कुछ अन्य केमिकल मिलाकर किसी के भी चेहरे का सांचा तैयार कर देते हैं।


मिट्टी की कला में भी रामदेव माहिर हैं। मिट्टी से भी महापुरुषों व अन्य देवी-देवताओं की आकर्षक मूर्ति तैयार कर देते हैं। कोडरमा जिले के जयनगर प्रखंड के गांव सांथ के पेंटर 55 वर्षीय रामदेव राम वर्ष 2000 से ही पेंटिंग का काम करते आ रहे हैं। वे शुरू में दीवार लेखन, नेमप्लेट, स्कूलों में पेंटिंग का काम करते आ रहे थे। परंतु विगत डेढ़ वर्ष पूर्व जब कोरोना महामारी ने तबाही मचाना शुरू किया तो उन्होंने लॉकडाउन के समय को सकारात्मक रूप दिया और काफी मेहनत कर मार्बल व ग्रेनाइट पत्थर पर खुदाई करके महापुरुषों की तस्वीरें उभारने की कला सीख ली।


इतना ही नहीं, पेंटर रामदेव राम मिट्टी से भी महापुरुषों की तस्वीर बना देते हैं। वे बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर, लाल बहादुर शास्त्री, नरेंद्र मोदी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, अटल बिहारी वाजपेयी सहित कई महापुरुषों के साथ-साथ कई व्यक्तियों की तस्वीर बना डाली है। जब लोग उनके घर पहुंचते हैं, तो रामदेव की जीवंत पेंटिंग व कलाकृति देख अचंभित हो जाते हैं। अब वे महापुरुषों एवं सेलिब्रेटियों की थ्रीडी तस्वीर भी बनाते हैं। थ्रीडी तस्वीर की खासियत यह होती है कि जिधर से भी देखो, तस्वीर सीधी दिखाई देती है।
वर्ष 2000 से पेंटिंग का काम करते-करते 2005 में थोड़ी-बहुत मिट्टी से देवी-देवताओं की मूर्ति भी बना लिया करते थे। परंतु सुंदर आकार की मूर्ति नहीं बना पाते थे। लेकिन लॉकडाउन के समय का उन्होंने सदुपयोग किया और आज पलक झपकते ही किसी की भी तस्वीर बना डालते हैं। पेंटर रामदेव राम ने वर्ष 1985 में द्वितीय श्रेणी से मैट्रिक पास की थी। फिर झुमरीतिलैया के जगन्नाथ जैन महाविद्यालय से वर्ष 88 में द्वितीय श्रेणी से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। 1992 में इतिहास में ऑनर्स किया। बाद में आर्थिक तंगी के कारण एमए की पढ़ाई नहीं कर पाए। तब से उन्हें कुछ कर गुजरने की ललक थी।
उन्होंने बच्चों की तरह लकड़ी का ब्रश बनाकर दीवार में लिखना शुरू किया। कुछ दिन पीडीएस की दुकान भी चलाई। वे बताते हैं कि यह काम उन्हें रास नहीं आया। इसके कारण दुकान सरेंडर कर दी। फिलहाल जयनगर प्रखंड के अलावा अन्य प्रखंडों में जितने भी विद्यालय भवन हैं, सभी विद्यालयों में उन्हीं की पेंटिंग है। पेंटर रामदेव राम ने मिट्टी से कोडरमा के पूर्व डीसी रमेश घोलप की भी तस्वीर बनाई है। वे चाहते हैं कि कोडरमा के डीसी की तस्वीर को वे अपने हाथों से उन्हें उपहार स्वरूप भेंट करें। भविष्य में उनकी पत्थर से मूर्ति बनाने की योजना है।
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