मुंबई: एआईसीसी सदस्य तथा मुंबई कांग्रेस के पूर्व महासचिव विश्वबंधु राय ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर दिग्विजय सिंह द्वारा बारंबार की जा रही गैरजिम्मेदाराना बयानबाजी से पार्टी को हो रहे नुकसान के प्रति आगाह किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 से मध्यप्रदेश के सत्ता से बेदखल होने के बाद से ही दिग्विजय सिंह पार्टी के हिंदू वोटरों को लगातार नाराज करते आ रहे हैं। दिग्विजय सिंह सिर्फ एक विशेष वर्ग के वोटरों को खुश करने के लिए लगातार हिंदुओ की भावनाओं को आहत करने में लगे हैं। पत्र में उन्होंने कहा है कि देश के बहुसंख्यक हिंदू आबादी दिग्विजय सिंह के ग़ैर जिम्मेदाराना बयान को कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक सोच मानकर चलते हैं। इससे पार्टी से हिंदू वोटर लगातार ख़िसक रहा है। दूसरी तरफ़ इनकी तुष्टिकरण की राजनीति से भी इनका जनाधार नहीं बढ़ रहा है। राय ने कहा कि पिछले दिनों कश्मीर में धारा 370 फ़िर से लगाने की बात कर दिग्विजय सिंह ने पार्टी के बचे खुचे हिंदू वोटरों को भी नाराज कर दिया है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह द्वारा बाटला हाउस एनकाउंटर को फर्जी बताना माफ़ी योग्य गलती नहीं थी। यह मुस्लिम तुष्टिकरण की नियत से देश के शहीदो का अपमान था। दिल्ली राज्य में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की हार के कारणों में इनके बेफिजूल की बयानबाज़ी भी है। विश्वबंधु राय ने कहा कि दुनिया के सबसे दुर्दांत आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को ओसामा जी जैसे सम्मान सूचक शब्दों के साथ नाम लेना, इनकी सोची समझी रणनीति का हिस्सा था। इस घटना से भी पार्टी का बहुत नुकसान हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने इन्हे गोवा का प्रभारी बनाया। जहां पर विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद भी हम सरकार बनाने में नाकामयाब रहे। यह भी दिग्विजय सिंह के ग़ैर जिम्मेदाराना व्यवहार का ही परिणाम था। इनके प्रभारी रहते आंध्र प्रदेश, तेलगांना जैसे कांग्रेस के वर्चस्व वाले राज्यों में भी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा। उत्तर प्रदेश की राजनिति में भी इनके भूमिका की समीक्षा की जानी चाहिए। कांग्रेस पार्टी को यूपी में समेटने की शुरुवात इनके ही सौजन्य से शुरू हो गया। राय ने कहा कि मध्यप्रदेश चुनाव मे निर्दलीय विधायकों के जितवाने और कमलनाथ सरकार के अस्थिर करने और बाद में कांग्रेस सरकार को गिराने में इनकी भूमिका की जांच की जानी चाहिए। व्यक्तिगत जीवन में भी इनके कुछ निर्णय पार्टी के छवि को नुकसान ही पहुंचाया है। इनके अनर्गल बयानों का खामियाजा पार्टी भुगत रही है। इनको एक हिंदू विरोधी नेता के तौर जाना जाने लगा है। इन सबके बावजूद भी इन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां, पद और राज्यसभा की सदस्यता दिया जाना वोटरों के मानसिकता पर गलत असर डाल रहा है। कांग्रेस पार्टी को लोग एक हिंदू विरोधी दल के तौर पर देखने लगे हैं। विश्वबंधु राय ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मांग की है कि उपरोक्त बातों को गंभीरता से लेते हुए दिग्विजय सिंह के जुबान पर अविलंब लगाने की प्रक्रिया शुरू करें, जिससे देश की बहुसंख्यक हिंदू आबादी बार-बार आहत न होने पाए।
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