मुंबई । भारतीय फिल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित तथा भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा का सदस्य रह चुके, युसूफ खान उर्फ दिलीप कुमार का आज 98 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही चारों तरफ शोक की लहर दौड़ गई। बॉलीवुड से लेकर राजनीति तक सभी क्षेत्रों में मातम फैल गया। उत्तर भारतीय मोर्चा मुंबई के अध्यक्ष जयप्रकाश सिंह ने कहा कि दिलीप कुमार, भारतीय फिल्मों के भीष्म पितामह रहे। उनकी अदाकारी की कोई तुलना नहीं थी। उनका निधन बॉलीवुड के साथ-साथ देश के लिए बड़ी क्षति है । मुंबई भाजपा प्रवक्ता उदय प्रताप सिंह ने कहा कि दिलीप कुमार एक अच्छे कलाकार होने के साथ-साथ एक नेक दिल इंसान रहे। सांताक्रुज के समाजसेवी कयूम तंबोली ने दिलीप कुमार के निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए कहा कि दिलीप कुमार की अदाकारी, शख्सियत तथा लोकप्रियता बेजोड़ रही । उत्तर भारतीय मोर्चा के महामंत्री राम यादव ने कहा कि दिलीप कुमार लंबे अरसे तक भारतीय सिनेमा के रुपहले पर्दे पर छाए रहे। उत्तर भारतीय मोर्चा के प्रदेश कार्यकारी सदस्य अजित सिंह ने कहा कि दिलीप कुमार एक ऐसे अभिनेता रहे, जिन्हें भारत के बाहर के दर्शक भी बहुत पसंद करते थे। सचमुच में वे एक महान कलाकर रहे।
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