नया सबेरा नेटवर्क
एक शाम हौंसिला प्रसाद अन्वेषी जी के नाम
रविवार को "एक शाम अन्वेषी जी के नाम" का आयोजन आदरणीय मनींद्र सरकार जी की अध्यक्षता में अतिथि डाॕ प्रमोद वाचस्पति(सलिल जौनपुरी) तथा मुख्य अतिथि आदरणीय सागर त्रिपाठी के सानिध्य में प्रा.अंजनी कुमार द्विवेदी व सौरभ दत्ता जयंत जी के संयुक्त संचालन में ऑनलाइन संपन्न हुआ। सबसे पहले पटल पर उपस्थित सभी लोगों ने स़स्था के मार्गदर्शक आदरणीय हौंसिला प्रसाद "अन्वेषी" जी को जन्मदिन की बधाइयाँ व शुभकामनाएं दी,|साथ में संस्था परिवार के दूसरे मार्गदर्शक मोतीलाल बजाज जी को भी उनके दाम्पत्य जीवन की वर्षगांठ पर बधाइयाँ व शुभकामनायें दी गयीं व दोनों के दीर्घायुष्य, सक्रिय , स्वस्थ , प्रसन्न , ऊर्जावान, उज्ज्वल भविष्य की कामना प्रभु से की गयी इसके बाद पटल पर उपस्थित सभी रचनाकारों ने अपनी - अपनी रचना के माध्यम से आज के आयोजन और अन्वेषी जी के जन्मदिन व बजाज जी की शादी की सालगिरह को यादगार बनाते अपने शब्द रूपी सुगंधित पुष्पों से खूब महकाया तथा आनन्दोत्सव मनाया। आज की इस अद्भुत संयोगों से परिपूर्ण संध्या को सुन्दर व महकदार बनाने वाले कवि पं.शिवप्रकाश जौनपुरी,डाॕ प्रमोद वाचस्पति,सागर त्रिपाठी,श्रीधर मिश्र, सौरभ दत्ता "जयंत" ,अंजनी कुमार दूबे,बीरेन्द्र यादव,आनंद पाण्डेय "केवल" ,अमित दुबे,अरुण दुबे "अविकल" ,शारदा प्रसाद दुबे,मोतीलाल बजाज,संगीता पाण्डेय,इंदू मिश्रा,सुमन तिवारी,रंजना करकरे,हौंसिला प्रसाद "अन्वेषी" ,मनींद्र सरकार,डी एन माथुर,राजेश सिंह,पंकज तिवारी, विनय शर्मा दीप,दिगम्बर भट,गोपाल गुप्त "दहली" ,डॉ श्रीहरि वाणी आदि रहे | वैसे तो दोनों विभूतियों को अपने शब्दों एवम रचनाओं द्वारा सभी ने बधाइयाँ शुभकामनायें दी पर पं.शिवप्रकाश जौनपुरी ने अपने अवधी गीत। तोहरे जनमदिन पे लगी बा भिड़िया,बहुत नीक ना,हे बहुत नीक ना
बाजइ लागली बधइया,बहुत नीक ना।
से भाव विह्वल कर दिया। इसके अलावां बधाई देने वालों में आदरणीय अनिरुद्ध तेलंग,हेमन्त माथुर,नंदन मिश्र,रश्मिलता मिश्रा,सुमन प्रभा,सुरेन्द्र दूबे शास्त्री,छत्तूलाल खुंटे आदि रहे, सभी ने आयोजन में शामिल होकर एक शाम हौंसिला प्रसाद अन्वेषी जी के नाम को सफल बनाया|और अपनी स्नेहिल मङ्गल कामनाओं.. शुभाकांक्षा से उत्साह पूर्वक उन्हें अभिसिंचित किया |
मुख्य अतिथि द्वय सागर त्रिपाठी जी व सलिल जौनपुरी जी ने आयोजन की भूरि - भूरि सराहना की व काव्यसृजन को साधुवाद भी दिया|
अपने अध्यक्षीय भाषण में आदरणीय मनींद्र सरकार जी ने संक्षिप्त विवेचना की और संस्था को अनवरत साहित्यिक आयोजन करने के लिए साधुवाद दिया|
अंत में संस्था के मार्गदर्शक आदरणीय हौंसिला प्रसाद अन्वेषी जी ने अपने जन्मदिन पर इस आयोजन में उपस्थित होकर शुभकामनायें देने वालों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सब इसी भाँति मुझ पर व संस्था काव्यसृजन पर अपना आशीष बनाये रखे, आप सबका बहुत बहुत आभार अभिनंदन।
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