नया सबेरा नेटवर्क
शाहगंज, जौनपुर। स्थानीय कोतवाली में तैनात एक चर्चित दारोगा के चर्चे आईजी समेत तमाम आला अधिकारियों तक पहुंचने के बाद क्षेत्राधिकारी को जांचकर आख्या देने का आदेश दिया गया है लेकिन ‘टोपी टोपी एक’ वाली कहावत को चरित्रार्थ करते हुए जांच ढांक के तीन पात साबित हुई। नतीजा यह हुआ कि चर्चित दरोगा इतना निरंकुश हो गये कि अब वह पत्रकारों से बदतमीजी कर फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगे हैं। दरोगा के इस कारस्तानी से पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है। पीड़ित पत्रकार ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, आईजी, डीआईजी, एडीजी समेत तमाम उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगायी है। आरोप है कि गत 30 जून को पुरानी बाजार निवासी वीरेंद्र कुमार यादव पुत्र राधेश्याम यादव के मोबाइल पर एसपी के पीआरओ के नाम से फोन आया और फोन करने वाले ने खूब गाली व धमकी दिया। जिसकी जानकारी वीरेंद्र ने पत्रकार प्रीतम सिंह को दिया। पत्रकार प्रीतम सिंह ने मामले की जानकारी के लिये उस नम्बर पर कॉल किया तो उक्त व्यक्ति ने पत्रकार को भी गाली देते हुए मामले से दूर रहने को कहा, नहीं तो जान से मारने की धमकी दे डाली। इसके बाद रात में पत्रकार प्रीतम जेसीज चौक पर खड़े थे। वहां दो अज्ञात व्यक्ति पहुंचे और खुद को पुलिस वाला बताकर अपनी कमर में लगे असलहे को दिखाकर कहा कि दौड़ा कर इनकाउंटर कर दूंगा। पीड़ित पत्रकार ने मामले की लिखित जानकारी क्षेत्राधिकारी अंकित कुमार एवं प्रभारी निरीक्षक धर्मवीर सिंह को दी तो प्रभारी निरीक्षक ने मामले की जांच के लिये उप निरीक्षक महेश को नियुक्त कर दिया। गुरुवार की अपराह्न उपनिरीक्षक पत्रकार पर समझौता करने का दबाव बनाने लगे नहीं तो फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगे। इसकी शिकायत प्रभारी निरीक्षक से करने के लिये पत्रकार जब थाने पर पहुंचा तो उपनिरीक्षक ने अभद्र व्यवहार करते हुए हिरासत में ले लिया। कुछ देर बाद जब प्रभारी निरीक्षक धर्मवीर सिंह पहुंचे तो वह पत्रकार को छोड़ दिया। मामले की जानकारी होते ही पत्रकारों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है। शाहगंज पत्रकार एसोसिएशन के तहसील अध्यक्ष एखलाक खान ने कहा कि पीड़ित पत्रकार साथी के साथ यदि न्याय नहीं हुआ और दोषी दरोगा, फोन पर धमकाने वाले व्यक्ति एवं जेसीज चौक पर असलहा दिखाकर काउंटर करने वालों के खिलाफ कठोर कार्यवाही नहीं हुई तो पत्रकार आंदोलन को बाध्य होंगे। बताते चलें कि यह वही चर्चित दारोगा है जिसके कुख्यात कारनामों की शिकायत उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पदाधिकारियों व कई पीड़ितों ने तमाम आला अधिकारियों से की थी। आला अधिकारियों ने जांच की जिम्मेदारी क्षेत्राधिकारी अंकित कुमार को सौंपी थी जिसका निष्कर्ष यह रहा कि टोपी टोपी एक हुए और कार्यवाई निल्ल बटे सन्नाटा रही।
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