नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर. आध्यात्मिक जगत में गुरु और शिष्य के रूप में जन्म जन्मांतर तक बंधे रहने के लिए भारत की प्राचीनतम गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर पतंजलि योग परिवार के हजारों गुरु भाई और बहनों के द्वारा योग की कक्षाओं में हवन-यज्ञ करते हुए परम पूज्य योग गुरु बाबा रामदेव के प्रति अपनी श्रृद्धा सुमन अर्पित करते हुए जन जन तक योग, आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों को पहुंचाकर लोगों को स्वस्थ और खुशहाल रखने के लिए संकल्पित हुए। पतंजलि योग समिति के प्रान्तीय सह प्रभारी अचल हरीमूर्ति के द्वारा बताया गया है कि गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर पतंजलि योग समिति की जिला कार्यकारिणी से लेकर ग्राम समितियों तक इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें सभी योग प्रशिक्षकों के द्वारा जन जन तक योग एवं आयुर्वेद को एक महाअभियान का स्वरूप देकर पहुंचाने की योजनाओं को बनाकर उसके क्रियान्वयन हेतु रणनीतियां बनाई जाती हैं। नगर के मियापुर स्थित योगस्थली में प्रातःकालीन योग सत्र में योगाभ्यास कराते हुए श्री हरीमूर्ति के द्वारा इन्टिग्रेटेड योगाभ्यास को जन जन तक पहुंचाने के लिए संकल्पित किया गया।इन्टिग्रेटेड योगाभ्यास में किसी विशेष आसन में लम्बें समय तक प्राणायामों को ध्यानात्मक अवस्था में कराया जाता है जिसमें मनोदैहिक लाभ अनेकों गुना बढ़ जाता है। मर्कटासन,भुजंगासन, सेतुबंधासन के साथ जब वक्रासनों में लम्बे समय तक कपालभाति प्राणायाम,भस्त्रिका प्राणायाम और भ्रामरी व उद्गीथ प्राणायामों को ध्यानात्मक अवस्था में लम्बे समय तक किया जाता है तब डायबिटीज,मोटापा, ह्रदय,अनिद्रा और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं में बहुत ही जबरदस्त ढंग से लाभ मिलता है।इन मौकों पर पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी शम्भुनाथ जी, शशिभूषण,डा धर्मशीला, डा हेमंत, संतोष,डा ध्रुवराज,डा चन्द्रसेन, राजीव सिन्हा, अशोक कुमार, नवीन द्विवेद्वी, उदयराज, रविन्द्र सिंह, महेंद्र प्रजापति, हंसराज भारद्वाज, दयाराम,हरीनाथ, मुन्ना चौहान, राजेश यादव, शिवपूजन, अमरनाथ सहित अन्य साधक उपस्थित रहे।
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