नया सबेरा नेटवर्क
मुंबई। मुम्बई महानगर में अपनी बहुआयामी साहित्यिक गतिविधियों के लिये विख्यात काव्य सृजन परिवार इन दिनों विभिन्न प्रान्तों के भाषाई काव्योत्सवों के आयोजनों से उन प्रान्तों के आंचलिक भाषाई सम्बन्धों की प्रगाढ़ता को समाज के सामने लाने का अनूठा कार्य कर रहा है।उसी की कड़ी में 11 जुलाई रविवार को राजस्थान के विभिन्न अंचलों की बोलियों से संपृक्त राजस्थानी भाषा काव्योत्सव का आयोजन किया गया। इस भाषाई कविगोष्ठी के मुख्य संयोजक वरिष्ठ साहित्यकार डा. श्रीहरि वाणी थे, लगातार तीन घण्टे तक चली इस गोष्ठी की अध्यक्षता कोटा राज. के वरिष्ठ कवि विष्णु शर्मा "हरिहर" ने करी। मुम्बई महानगर के प्रख्यात समाजसेवी और अनेक समाचार पत्रों के स्तम्भ लेखक तथा व्यवसायी श्री दीनदयाल मुरारका ( मूल निवासी - नवलगढ़, राजस्थान ) समारोह के मुख्य अतिथि थे।अखिल भारतीय साध्वी शक्ति परिषद की कोषाध्यक्ष प्रखर तेजस्वी वक्ता महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. हेमानंद सरस्वती के शुभाशीर्वाद से मंगलमय हुई|इस गोष्ठी में कोटा के ही चालीसा सम्राट के रूप में प्रसिद्ध हिन्दी एवम राजस्थानी भाषा के कवि रामेश्वर शर्मा "रामूभैया" के संचालन में जिन कवि/कवयित्रियों ने भाग लिया उनमें सर्वश्री योगीराज योगी (कोटा), डा.रेणू सिरोया (उदयपुर), मोतीलाल जी बजाज (मुम्बई), डा.नीता चौबीसा (बांसवाड़ा), गोपीकृष्ण बूबना (मुम्बई), डा. अनीता वर्मा (भीममण्डी), डा. नीता अग्रवाल (हनुमानगढ़), श्रीमती शोभाचंदर(जयपुर), श्रीमती चंद्रकांता चंदरेश (दिल्ली), डा.नीता कोठारी, चन्द्र प्रकाश पोद्दार ( बिसाऊ ) आदि ने अपनी अपनी आंचलिक हाड़ौती, शेखावाटी, मेवाड़ी, ढूँढाणी, मेवाती, वागड़ी, मारवाड़ी आदि राजस्थानी भाषा कविताओं का प्रस्तुतिकरण दिया। अन्त में समारोह अध्यक्ष हरिहर जी एवम काव्यसृजन परिवार के मार्गदर्शक श्री हौसिला "अन्वेशी जी" ने समीक्षात्मक वक्तव्य दिए तथा संस्था के अध्यक्ष शिवप्रकाश जौनपुरी ने सबका आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद दिया। मुम्बई में यह अपने प्रकार का सर्वथा सफल एवम अनूठा बहुचर्चित कार्यक्रम रहा जिसमें पूर्वोत्तर के मिजोरम,गुवाहाटी, बेंगलुरु, लखनऊ, कुल्लू, आदि से भी श्रोता जुड़े। मुम्बई तथा राजस्थान के लोग तो थे ही, अनेक सामाजिक साहित्यिक संस्थाओं, लायन्स क्लब आदि के सदस्य तथा पदाधिकारी भी श्रोता के रूप में काव्य सृजन के पटल पर लगभग पूरे समय उपस्थित रहे, काव्य सृजन परिवार इस हेतु समस्त विद्वान् मनीषियों तथा आयोजन के तकनीकी सहयोगियों श्री सौरभ दत्ता " जयन्त " एवम श्री अजय शुक्ल " बनारसी " का हार्दिक आभारी हैं।
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