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#JaunpurLive : कला व कलाकारों का विकास ही देश व प्रदेश का विकास- मुकुल सिंघल




#JaunpurLive : कला व कलाकारों का विकास ही देश व प्रदेश का विकास- मुकुल सिंघल


-राष्ट्रीय ललित कला अकादेमी, नई दिल्ली के 67वें स्थापना दिवस पर क्षेत्रीय केन्द्र लखनऊ में आयोजित हुए प्रर्दशनी व लाइव डिमाॅन्स्ट्रेशन
लखनऊ। राष्ट्रीय ललित कला अकादेमी, नई दिल्ली के 67वें स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर पूरे देश के क्षेत्रीय केन्द्रों पर कला के कई भव्य आयोजन किये गये। इसी तत्वावधान में लखनऊ स्थिति क्षेत्रीय ललित कला केन्द्र पर भी कला के कार्यक्रम आयोजित किये गये जिसमें ललित कला अकादेमी द्वारा 2018-19 एवं 2019-20 के शोधार्थी छात्रवृत्ति प्राप्त कलाकारों के  कलाकृतियों की सामूहिक प्रदर्शनी लगाई गई जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री मुकुल सिंघल आई.ए.एस. ने दीप प्रज्जवलित करके किया। इस अवसर पर शहर के कलाकार व कलाप्रेमी उपस्थित रहे। प्रर्दशनी का अवलोकन करते हुए श्री सिंघल ने उपस्थित कलाकारों से उनकी कलाकृतियों पर चर्चा और उन्हें उत्साहित भी किया। इस अवसर पर श्री सिंघल ने कहा कि मुझे अपने उन पूर्वजों पर गर्व होता है कि जिन्होनें आजादी के बाद देश की कला संगीत साहित्य पर सोचनें और उसे प्रोत्साहित करने के लिए तमाम संस्थाओं की स्थापना की और उसे सुचारू रूप से संचालन करने के लिए तमाम बिन्दुओं को बनाया जिससे आज देश की कला समृद्ध और विकास कर रही है। इन्ही प्रमुख संस्थाओं में राष्ट्रीय ललित कला, नई दिल्ली जिसके आज 67 वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह कला व कलाकारों के लिए सम्मान की बात है। आजादी के बाद देश के विकास में कला का उतना ही बड़ा योगदान है जितना अन्य विधाओं का। कला व कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए ललित कला के तमाम कार्यक्रम देश में किये जा रहें है जो हमारें कला को निरन्तर राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान कायम कर रहें है। कलाकार हमेशा एक चुनौती के साथ अपने सृजन को पूर्ण करता है जो चिर काल तक एक इतिहास के रूप में दर्ज होता है। कलाकारों के लिए आर्थिक रूप से मजबूती देने के लिए सभी कला संस्थाओं को एकजुट प्रयास करना चाहिए क्योकि कला व कलाकारों का विकाास ही देश व प्रदेश की कला का विकास है। क्षेत्रीय केन्द्र लखनऊ, के क्षेत्रीय सचिव डाॅ0 देवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए ललित कला की तमाम गतविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होने बताया कि ललित कला अकादेमी स्वतंत्र भारत में गठित एक स्वायत्त संस्था है जो 05 अगस्त, 1954 को भारत सरकार द्वारा स्थापित की गई थी। यह एक केन्दीय संगठन है जो भारत सकार द्वारा ललित कला कलाओं के क्षेत्र में कार्य करने के लिए स्थापित किया गया था, यथा मूर्तिकला, चित्रकला, छापा कला, सेरेमिक कला आदि। उन्होनें राष्ट्रीय ललित कला नई दिल्ली के माननीय अध्यक्ष डाॅ0 उत्तम पाचारणे के प्रेरणा व दिशा निर्देशन में चल रहें सकारात्मक गतिविधियों का भी जानकारी दी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डाॅ0 आलोक कुमार ने कहा की कला व कलाकारों के हित में कला महाविद्यालय और ललित कला के साथ सदैव कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रही है। आने वाले समय में भी यह निरन्तर जारी रहेगा। उन्होने प्रदेश की सभी कला संस्थाओं को एक साथ मिलकर इस कार्य में सहयोग की अपेक्षा की। इसी कड़ी में डाॅ0 संजीव किशोर गौतम ने ललित कला अकादेमी के विभिन्न प्रयासों को सराहते हुए कलाकारों के सर्वागीण विकास के लिए ललित कला अकादेमी व इससे जुड़े सभी कलाकारों व कलाप्रमियो को बधाई दी। इस अवसर पर प्रदेश के वरिष्ठ चित्रकार श्री राजेन्द्र प्रसाद ने लाइव पेटिंग डिमाॅनस्ट्रेशन भी किया। जिसकी सराहना व प्रंशसाा मुख्य अतिथि समेत सभी ने की। प्रदर्शनी में 2018-19 व 2019-20 के शोधार्थी कलाकारों में सारिका कुमारी, माजिद मंसूरी, भूपेन्द्र कुमार अस्थाना, शनी केसरी, पियाली पाॅल, जगजीत राय, अभिलाशा सिंह, योगेस कुमार, श्रद्धा तिवारी, सचिन गौड़, असिमा चन्द्रा, दिव्या उपाघ्याय, उत्कर्ष कुमार, अभिषेक पाॅल, रंजन सिंह की लगभग 26 कलाकृतियों (लेख, पेटिंग, ग्राफिक्स, रेखांकन व मूर्तिकला) को प्रर्दशित किया गया। इस कला प्रदर्शनी को कलाप्रमियों के लिए दिनांक 12 अगस्त, 2021 तक अवलोकनार्थ लगी रहेंगी। कार्यक्रम में विशेष रूप से राज्य ललित कला अकादेमी के अध्यक्ष श्री सीता राम कश्यप, श्रीमती निवेदिता सिंघल, नादरंग के सम्पादक श्री आलोक पाराड़कर, वेणूगोपाल, प्रमोद वरूआ, शिबराम दास, हेमराज, सौम्या, ज्ञानेन्द्र मिश्रा, ललित कला के सभी कर्मचारी सहित कोविड के नियमानुसार लोग उपस्थित रहें। इस कार्यक्रम का संचालन कु0 सौम्या ने किया। अन्त में क्षेत्रीय सचिव ने कार्यक्रम में आये सभी महानुभाओं का आभार व्यक्त किया।

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