#JaunpurLive : भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बना - अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक और इतिहास रचने की उपलब्धि

#JaunpurLive : भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बना - अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक और इतिहास रचने की उपलब्धि


दुनिया की सबसे शक्तिशाली संस्था संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता से भारत का अंतरराष्ट्रीय रुतबा, ताकत, और ख्याति बढ़ी - एड किशन भावनानी
गोंदिया - वैश्विक स्तर पर कुछ वर्षों से भारत की ख्याति, रुतबा, ताकत, अंतरराष्ट्रीय सकारात्मक संबंध, उपलब्धि, और साख में  बेतहाशा वृद्धि हुई है। जिस तरह से हम पिछले कुछ वर्षों में भारत के संबंध पूर्ण विकसित देशों अमेरिका, जापान, फ्रांस, रूस, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड इत्यादि अनेक देशों से मजबूत हुए हैं, उसी तरह विकासशील देशों के लिए भारत एक उम्मीद की किरण बन गया है।...साथियों मेरा मानना है कि आज हम अपने आपको गर्वित महसूस कर रहे हैं।...साथियों बात अगर हम पिछले कुछ महीनों की करें तो भारत ने अनेक अंतरराष्ट्रीय मंचोंपर अपना रुतबा बढ़ाया है जैसे G7 शिखर सम्मेलन, विवाटेक सम्मेलन, संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण भूमिशरण और सूखे पर सम्मेलन, एम योगा ऐप, शंघाई सहयोग संगठन समिट सहित अनेक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का सम्मान और रुतबा आज सकारात्मक ताक़त के रूप में है और अभी 1 अगस्त 2021 को भारत को अगस्त माह के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का अध्यक्ष बनाया गया है और भारत ने अध्यक्षता संभाल ली है। जिससे भारत के अंतरराष्ट्रीय स्तर में चार चांद लग गए हैं।और अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक और इतिहास भारत ने रच दिया है। भारत ने 2 अगस्त 2021 से अपना कामकाज शुरू कर लिया है।...साथियों बात अगर हम यूएनएससी की बैठक की अध्यक्षता की करें तो, संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधिवने कहा कि हमारे पीएम पहले भारतीय पीएम होंगे जिन्होंने यूएनएससी की बैठक की अध्यक्षता करने का फैसला किया है। यूएनएससी पर यह हमारा आठवां कार्यकाल है। उन्होंने कहा कि 75 से अधिक वर्षों में, यह पहली बार है जब हमारे राजनीतिक नेतृत्व ने यूएनएससी के किसी कार्यक्रम की अध्यक्षता करने में रुचि दिखाई है। यह दर्शाता है कि हमारे नेता सामने से नेतृत्व करना चाहते हैं। यह यह भी दर्शाता है कि भारत और उसके राजनीतिक नेतृत्व ने विदेश नीति उपक्रमों में कितनी मजबूती से काम कियाहै। हालांकि इससे पहले 1992 में तत्कालीन प्रधानमंत्री सुरक्षा परिषद की मीटिंग में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि भले ही ये वर्चुअल मीटिंग होगी, लेकिन ये हमारे लिए ऐतिहासिक है।...साथियों बात अगर हम यूएनएसपी की अध्यक्षता दिनांक 1 अगस्त 2021 को संभालने की करें तो, विदेश मंत्री ने रविवार को कहा कि भारत हमेशा संयम की आवाज, वार्ता का पैरोकार और अंतरराष्ट्रीय कानून का समर्थक बना रहेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसे महत्वपूर्ण दिन बताया और दुनिया को लेकर भारत के दृष्टिकोण का वर्णन करने के लिए वसुधैव कुटुम्बकम (दुनिया एक परिवार है) का उल्लेख किया। विदेशमंत्री ने ट्वीट किया, अगस्त के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता संभालने के साथ हम अन्य सदस्यों के साथ सार्थक रूप से काम करने के लिए उत्सुक हैं। भारत हमेशा संयम की आवाज, संवाद का हिमायती और अंतरराष्ट्रीय कानून का समर्थक रहेगा। प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का कार्यकाल पांच ‘स’-सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति और समृद्धि से निर्देशित होगा। भारत की अध्यक्षता का पहला कामकाजी दिन दो अगस्त हुआ। भारत ने एक जनवरी को यूएनएससी के गैर स्थायी सदस्य के तौर पद दो साल का कार्यकाल शुरु किया। अस्थायी सदस्य के तौर पर यूएनएससी में भारत का यह सातवां कार्यकाल है। इससे पहले भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85 और 1991-92 में सदस्य रह चुका है। वैश्विक निकाय के लिए अपने चुनाव के बाद, भारत ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार और समावेशी समाधानों को बढ़ावा देगा। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत ने कहा कि अपनी अध्यक्षता के दौरान,भारत तीन बड़े क्षेत्रों- समुद्री सुरक्षा, शांतिरक्षण और आतंकवाद रोकथाम के संबंध में तीन उच्च स्तरीय प्रमुख कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। उन्होंने कहा, समुद्री सुरक्षा हमारी उच्च प्राथमिकता है और सुरक्षा परिषद के लिए इस मुद्दे पर समग्र रूप से रुख अपनाना जरूरी है। दूसरे कार्यक्रम शांतिरक्षा में हमारी अपनी लंबी और अग्रणीभागीदारी को देखते हुए यह दिल के करीब है। उन्होंने कहा,भारत शांतिरक्षकों की सुरक्षा करने के विषय पर ध्यान केंद्रित करेगा। तीसरे- आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहने वाले देश के रूप में, भारत आतंकवाद को रोकने के प्रयासों पर लगातार बल देता रहेगा।...साथियों बात अगर आर यूएनएससी के ढांचे और भारत की स्थिति की करें तो, भारत एक जनवरी, 2021 को सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बना था। भारत की सदस्यता 31 दिसंबर 2022 को ख़त्म होगी और इस पूरे कार्यकाल में भारत के पास दो बार यूएनएससी की अध्यक्षता आएगी। अभी यूएनएससी में कुल 15 सदस्य हैं जिसमें से पांच स्थाई और 10 अस्थाई सदस्य हैं। भारत दो साल के लिए अस्थायी सदस्य है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाँच स्थायी सदस्य - अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, रूस और फ़्रांस हैं। स्थायी सदस्यों को वीटो पावर मिला हुआ है। मतलब पाँच स्थायी सदस्यों में से चार सदस्य कोई प्रस्ताव पास कराना चाहते हैं लेकिन कोई एक सदस्य नहीं चाहता है तो वीटो कर सकता है और वो प्रस्ताव पास नहीं होगा।10 अस्थायी सदस्यों के पास ये ताक़त नहीं है।...साथियों बात अगर हम वर्तमान परिस्थिति की करें तो, भारत को संयुक्तराष्ट्र सुरक्षापरिषद की अध्यक्षता तब मिली है, जब अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो रही है और तालिबान मज़बूत होता जा रहा है। इसके साथ ही पाँच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किए दो साल पूरा होने जा रहा है। इस आर्टिकल में जानकारी विदेश मंत्री, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के ट्विटर हैंडल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का सहयोग सहयोग लिया गया है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें करें तो हम पाएंगे के भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक और इतिहास रचने की उपलब्धि है क्योंकि दुनिया की सबसे शक्तिशाली संस्था संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद है और भारत की उसमें अध्यक्षता से अंतर्राष्ट्रीय ताकत, रुतबे, और ख्याति में वृद्धि होगी। 
-संकलनकर्ता-कर विशेषज्ञ एडवोकेट एक किशन सनमुखदास भावनानी  गोंदिया महाराष्ट्र
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