नया सबेरा नेटवर्क
बदला
लोगों ने कभी मुझे निराश किया
कभी चन्द पल के लिए विश्वास किया ,
कभी मुझको झूठा साबित करने के लिए
झूठे गवाहों को तैयार किया।
मैंने अपने कर्म पर ध्यान दिया
लोगों को अनसुना सा झेल गया,
जब मेहनत रंग लाने लगी तो
लोगों ने कहा "यह तो खेल खेल गया"।
जिंदगी में हर किसी को सुख नहीं मिलता
जीवन भर किसी को दुख नहीं मिलता
मौसम बदलते जरूर है यारों
वरना पतझड़ में सुखा पत्ता कभी
नहीं गिरता ।
अपनी उड़ानों को और बढ़ाओ
जितना हो सके उतने को जलाओ
ऐसे कर्म करके जाओ की दुनिया में
तुम्हारा नाम अमर हो जाए ।
अच्छाई हो या बुराई हो लोग तो दोनो में गलती खोज लेते हैं
अगर जिंदगी में तुम सफल नहीं हुए
तो यही लोग घाव को कुरेदकर मौज लेते हैं।
–रितेश मौर्य
एम. ए. फाइनल,राज कॉलेज
मो. नं. 8576091113बदला
लोगों ने कभी मुझे निराश किया
कभी चन्द पल के लिए विश्वास किया ,
कभी मुझको झूठा साबित करने के लिए
झूठे गवाहों को तैयार किया।
मैंने अपने कर्म पर ध्यान दिया
लोगों को अनसुना सा झेल गया,
जब मेहनत रंग लाने लगी तो
लोगों ने कहा "यह तो खेल खेल गया"।
जिंदगी में हर किसी को सुख नहीं मिलता
जीवन भर किसी को दुख नहीं मिलता
मौसम बदलते जरूर है यारों
वरना पतझड़ में सुखा पत्ता कभी
नहीं गिरता ।
अपनी उड़ानों को और बढ़ाओ
जितना हो सके उतने को जलाओ
ऐसे कर्म करके जाओ की दुनिया में
तुम्हारा नाम अमर हो जाए ।
अच्छाई हो या बुराई हो लोग तो दोनो में गलती खोज लेते हैं
अगर जिंदगी में तुम सफल नहीं हुए
तो यही लोग घाव को कुरेदकर मौज लेते हैं।
–रितेश मौर्य
एम. ए. फाइनल,राज कॉलेज
मो. नं. 8576091113बदला
लोगों ने कभी मुझे निराश किया
कभी चन्द पल के लिए विश्वास किया ,
कभी मुझको झूठा साबित करने के लिए
झूठे गवाहों को तैयार किया।
मैंने अपने कर्म पर ध्यान दिया
लोगों को अनसुना सा झेल गया,
जब मेहनत रंग लाने लगी तो
लोगों ने कहा "यह तो खेल खेल गया"।
जिंदगी में हर किसी को सुख नहीं मिलता
जीवन भर किसी को दुख नहीं मिलता
मौसम बदलते जरूर है यारों
वरना पतझड़ में सुखा पत्ता कभी
नहीं गिरता ।
अपनी उड़ानों को और बढ़ाओ
जितना हो सके उतने को जलाओ
ऐसे कर्म करके जाओ की दुनिया में
तुम्हारा नाम अमर हो जाए ।
अच्छाई हो या बुराई हो लोग तो दोनो में गलती खोज लेते हैं
अगर जिंदगी में तुम सफल नहीं हुए
तो यही लोग घाव को कुरेदकर मौज लेते हैं।
–रितेश मौर्य
एम. ए. फाइनल,राज कॉलेज
मो. नं. 8576091113बदला
लोगों ने कभी मुझे निराश किया
कभी चन्द पल के लिए विश्वास किया ,
कभी मुझको झूठा साबित करने के लिए
झूठे गवाहों को तैयार किया।
मैंने अपने कर्म पर ध्यान दिया
लोगों को अनसुना सा झेल गया,
जब मेहनत रंग लाने लगी तो
लोगों ने कहा "यह तो खेल खेल गया"।
जिंदगी में हर किसी को सुख नहीं मिलता
जीवन भर किसी को दुख नहीं मिलता
मौसम बदलते जरूर है यारों
वरना पतझड़ में सुखा पत्ता कभी
नहीं गिरता ।
अपनी उड़ानों को और बढ़ाओ
जितना हो सके उतने को जलाओ
ऐसे कर्म करके जाओ की दुनिया में
तुम्हारा नाम अमर हो जाए ।
अच्छाई हो या बुराई हो लोग तो दोनो में गलती खोज लेते हैं
अगर जिंदगी में तुम सफल नहीं हुए
तो यही लोग घाव को कुरेदकर मौज लेते हैं।
–रितेश मौर्य
एम. ए. फाइनल,राज कॉलेज
मो. नं. 8576091113बदला
लोगों ने कभी मुझे निराश किया
कभी चन्द पल के लिए विश्वास किया ,
कभी मुझको झूठा साबित करने के लिए
झूठे गवाहों को तैयार किया।
मैंने अपने कर्म पर ध्यान दिया
लोगों को अनसुना सा झेल गया,
जब मेहनत रंग लाने लगी तो
लोगों ने कहा "यह तो खेल खेल गया"।
जिंदगी में हर किसी को सुख नहीं मिलता
जीवन भर किसी को दुख नहीं मिलता
मौसम बदलते जरूर है यारों
वरना पतझड़ में सुखा पत्ता कभी
नहीं गिरता ।
अपनी उड़ानों को और बढ़ाओ
जितना हो सके उतने को जलाओ
ऐसे कर्म करके जाओ की दुनिया में
तुम्हारा नाम अमर हो जाए ।
अच्छाई हो या बुराई हो लोग तो दोनो में गलती खोज लेते हैं
अगर जिंदगी में तुम सफल नहीं हुए
तो यही लोग घाव को कुरेदकर मौज लेते हैं।
–रितेश मौर्य
एम. ए. फाइनल,राज कॉलेज
मो. नं. 8576091113
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