नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। शीतला चौकियां धाम सहित जिले के हर क्षेत्रों में शनिवार को पवित्र कुण्ड के बगल में संतान की लंबी आयु के लिये व्रती महिलाओं ने हलषष्ठी व्रत व पूजन विधि विधान से किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार हलछठ के दिन व्रत पूजन करने से श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति होती है और जिनकी पहले से संतान हैं उनके संतान की आयु, आरोग्य, ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। भाद्रपद कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हलषष्ठी व्रत पूजन किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से पुत्र पर आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं। बलराम जी का प्रधान शस्त्र हल और मूसल है, यही वजह है कि उन्हें हलधर के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को हल षष्ठी, हरछठ या ललही छठ के रूप में भी मनाया जाता है। पूजन के दिन महिलायें पड़िया वाली भैंस के दूध से बने दही और महुवा को पलाश के पत्ते पर खाकर व्रत का समापन करती हैं। इस दिन गाय के दूध और दही का सेवन करना भी वर्जित माना जाता है।
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