आईसीसी द्वारा 2024 क्रिकेट टी-20 वर्ल्ड कप की जिम्मेदारी अमेरिका को देने से लॉस एंजेल्स ओलंपिक 2028 में क्रिकेट शामिल होने की संभावना बढ़ी - एड किशन भावनानी
गोंदिया - वैश्विक रूप से खेलों में क्रिकेट एक ऐसा खेल है जोकरीब करीब सभी नागरिकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करता है। जिसे हमने कई टीवी चैनलों पर, अंतरराष्ट्रीय या राष्ट्रीय मुकाबलों और हाल ही में हुए टी-20 वर्ल्ड कप 2021, रणजी ट्रॉफी, टेस्ट मैच इत्यादि अनेक प्रकार की क्रिकेट मैच होती है तो अधिकतम युवा, बुजुर्ग, बच्चे सभी का ध्यान यकायक आकर्षित हो जाता है। साथियों बात अगर हम क्रिकेट में रुचि की करें तो दशकों पहले भी विदेशी वक्त के हिसाब से भारत में सुबह चार बजे से मैच चालू होता था, तो दूसरों की तो क्या हमारे परिवार में भी सुबह उठकर मैच देखतेथे और मैंआश्चर्यचकित रह जाता था। उस समय भारत ने भी अंतरराष्ट्रीय मैच कपिल देव की कप्तानी में जीती थी। साथियों बात अगर हम ओलंपिक खेलों की करें तो हर 4 वर्ष में यह खेल होते हैं परंतु क्रिकेट जो के अति लोकप्रिय खेल है, उसमें शामिल नहीं किया गया है। जिसका आश्चर्य करीब-करीब सभी खेल प्रेमियों को होगा जो कि वाकई ताज्जुब की बात है !!! हालांकि अमेरिका क्रिकेट मैच नहीं खेलता यहअलग बात है।साथियों ऐसा नहीं कि क्रिकेट कभी ओलंपिक खेलों में शामिल ही नहीं था एक जानकारी के अनुसार सन 1900 में याने 121 साल पहले क्रिकेट फ्रांस की राजधानी पेरिस ओलंपिक में शामिल था और खेला भी गया था। जब ओलंपिक खेलों का साल 1896 में आयोजन किया गया, उस वक्त क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल किया गया था। हालांकि तब क्रिकेट की कोई टीम नहीं थी, जिसकी वजह से इस खेल को ओलंपिक से रद्द कर दिया गया। उस वक्त क्रिकेट तो खेला जाता था, लेकिन यह कुछ देशों में ही सीमित था। इसका क्रेज काफी कम था और यही वज़ह थी कि तमाम लोग इस खेल के बारे में जानते भी नहीं थे।सन 1900 में ओलंपिक में कुल 19 खेल शामिल किए गए थे जिनमें क्रिकेट भी था. इस दौरान ओलंपिक में क्रिकेट की चार टीमों को शामिल किया गया था। इनमें इंग्लैंड, फ्रांस, बेल्जियम और नीदरलैंड्स की टीमें थीं। हालांकि गेम शुरू होने से पहले बेल्जियम और नीदरलैंड्स की टीमों ने अपने नाम वापस ले लिए। इंग्लैंड और फ्रांस के बीच हुआ था फाइनल मैच। बेल्जियम और नीदरलैंड्स की टीमें जब ओलंपिक से बाहर हो गईं, तो केवल इंग्लैंड और फ्रांस की टीम बची थीं। ऐसे में ओलंपिक के आयोजकों ने इन दोनों टीमों के बीच एक मैच कराने का फैसला किया और इस मैच को फाइनल घोषित किया। दो दिन चले इसमैच में इंग्लैंड की टीम ने जीत दर्ज कर ली। उस वक्त विजेता को सिल्वर मेडल और उपविजेता को ब्रोंज मेडल दिया गया।ओलंपिक ने 12 सालों बाद इस मैच को अपने रिकॉर्ड में दर्ज किया और फिर इंग्लैंड को गोल्ड मेडल व फ्रांस को सिल्वर मेडल दिया गया। ऐसी जानकारी एक टीवी चैनल की साइट पर दर्ज है। साथियों बात अगर हम 121 साल बाद अब क्रिकेटको लॉस एंजेल्स ओलंपिक 2028 में शामिल करने की प्रबल संभावनाओं की करें तो,10 अगस्त 2021 की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की जानकारी के अनुसार इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने कन्फर्म किया है कि साल 2028 में होने वाले लॉस एंजलिस ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल किए जाने की कोशिश है। आईसीसी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि एक वर्किंग ग्रुप का गठन किया गया है, जिसके जिम्मे में ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल किए जाने की प्रक्रिया का जिम्मा रहेगा। टीवी चैनल न्यूज़ एटिन के अनुसार, आईसीसी क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल कराने को लेकर लंबे समय से प्रयास कर रहा है 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल किया जा सकता है। इसकी उम्मीद इसलिए भी और बढ़ गई है, क्योंकि अमेरिका को इससे पहले आईसीसी इवेंट की जिम्मेदारी मिली है। 2024 में होने वाला टी20 वर्ल्ड कप वेस्टइंडीज और अमेरिका में संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा। अमेरिका अभी आईसीसी का एसोसिएट सदस्य है। अमेरिका में क्रिकेट लगातार बढ़ रहा है। वहां के क्रिकेटर दुनिया भर की टी20 लीग में खेल भी रहे हैं। कई बड़े देशों के खिलाड़ियों ने अमेरिका रुख भी किया है। इसमें भारत के उन्मुक्त चंद भी शामिल हैं। टी20 वर्ल्ड कप के आयोजन से आईसीसी वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को जान सकेगा। इसके अलावा वहां के फैंस को बड़े इवेंट को भी सामने से देखने का मौका मिलेगा इससे पहले भारत औरवेस्टइंडीज के टी20 मैच के अलावा कई इंटरनेशनल के मुकाबले अमेरिका में खेले जा चुके हैं। ओलंपिक में टी10 लीग को शामिल किया जा सकता है। हालांकि इसे अभी इंटरनेशनल लेवल का दर्जा नहीं मिला है, लेकिन यूएई में टी10 लीग का सफल आयोजन पिछले कई सालों से कराया जा रहा है। आईसीसी की ओर से इसेमान्यता भी दी जा चुकी है।अभीआईसीसी इंटरनेशनल लेवल पर टेस्ट, वनडे और टी20 का ही आयोजनकरता है। लेकिन ओलंंपिक काे देखतेहुए वह टी10 को मंजूरी दे सकता है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि क्रिकेट के ओलंपिक में शामिल होने की संभावनाएं बढ़ गई है जो कि 121 साल बाद क्रिकेट प्रेमियों की मुराद पूरी होगी तथा आईसीसी द्वारा 2024 क्रिकेट टी20 वर्ल्ड कप की जिम्मेदारी अमेरिका को देने से लॉस एंजेल्स ओलंपिक 2028 में क्रिकेट शामिल होने की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं।
-संकलनकर्ता- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
कविता
जनजातीय गौरव दिवस मनाया जा रहा हैं
जनजातीय गौरव दिवस मनाया जा रहा है
15 नवंबर को अलख जगाया गया
सप्ताह भर प्रोत्साहन देने कार्यक्रमों को देशभर
में साथ देने का संकल्प लिया जा रहा है
जनजातीय समुदायों की संस्कृति व विरासत को
संरक्षित उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जा रहा हैं
जनजातीय गौरव दिवस को प्रतिवर्ष मनाने का
संकल्प देशवासियों द्वारा लिया जा रहा हैं
जनजातीय समुदाय की प्राकृतिक कौशलता
को देख बढ़े बढ़े ज्ञानी हैरान हर्षित हुए
पांच दिवसीय जनजातीय शिल्प मेला प्रदर्शन
सह-बिक्री का आयोजन किया जा रहा हैं
सत्रह राज्यों में यह मेला मनाया जा रहा है
भारत में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा
दिए गए योगदान को याद किया जा रहा हैं
समूह की उपलब्धियों का गुणगान किया जा रहा है
-लेखक- कर विशेषज्ञ, साहित्यकार, कानूनी लेखक, चिंतक, कवि, एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
कोविड-19 से हुई क्षति की रिकवरी व समाज की बेहतरी के लिए ज्ञान, धन और आर्थिक संपदा अर्जित करने हेतु नए विचारों और नवाचारों के साथ आगे आना ज़रूरी
परिस्थितियों के अनुसार सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन समय की मांग- अपने विचारों अनुभव और नवाचारों को साझा करना सदियों पुरानीं भारतीय परंपरा - एड किशन भावनानी
गोंदिया - वैश्विक रूप से सृष्टि में विचिरित योनियों में सबसे बुद्धिमान मानव योनि ने पिछले डेढ़ साल से कोविड के कारण जो स्थिति भुक्ती और मानसिक त्रासदी झेली उसकी क्षतिपूर्ति शायद नहीं की जा सकती, परंतु मानवीय जीवन चक्र चलाने के साथ-साथ समाज की बेहतरी और संपन्नता के लिए काफी रिकवरी की कोशिश की जा सकती है। साथियों हमारे वैश्विक स्तर पर परिवारों ने जो अपनों को खोया उन्हें लौटाया नहीं जा सकता, परंतु अपनी और आने वाली पीढ़ियों का जीवन चक्र सुदृढ़ करने, परिस्थितियों के अनुसार सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन करना समय की मांग है। साथियों बात अगर हम भारत की करें तो भारतीय समाज की बेहतरी और रिकवरी के लिए ज्ञान, धन और आर्थिक संपदा अर्जित करने के लिए हमें अपने विचारों में परिवर्तन लाना होगा और नवाचारों के साथ प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए लाइफ साइकिल में कुछ अल्टरनेट करने होंगे, ताकि अतितीव्रता के साथ हम अपने जीवन, समाज और देश को अपने पुराने आयामों से भी बढ़कर नए आधुनिक आयामों तक पहुंचाने में जांबाज़ी और ज़ज़बे के साथ अपना योगदान पूर्वक सहयोग प्रदान करें। साथियों सबसे पहले तो हर नागरिक को वैक्सीनेशन के दोनों डोज़ लगवा कर अपना अमूल्य योगदान देना होगा, ताकि नवाचार और नए विचारों को क्रियान्वयन करने में एक विश्वास के भाव उमड़े। क्योंकि यदि एक ओर क्षति की रिकवरी के लिए काम होंगे, दूसरी ओर वैक्सीनेशन न लगवा कर उस रिकवरी में गैप बनाने का काम हो सकता है इसलिए इस कड़ी को पकड़कर उसका सफाया करना होगा और फिर लक्ष्य के साथ हम आगे बढ़ सकते हैं। साथियों बात अगर हम नवाचार, प्रौद्योगिकी, नए विचारों से ज्ञान, धन और आर्थिक संपदा अर्जित करने की करें तो नागरिकों, वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों और उद्यमियों को एक पटल पर आकर आपसी तालमेल बनाकर क्रियान्वयन करने की ज़रूरत है। क्योंकि यह हमारे भारत की सदियों पुरानी परंपरा रही है कि अपने विचारों, अनुभवों नवाचारों को साझा कर एक दूसरे का ध्यान रखें जिसके बल पर हमारी सफलताओं की संभावनाएं बढ़ जाती है। साथियों बात अगर हम माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा दिनांक 17 नवंबर 2021 को एक कार्यक्रम में संबोधन की करें तो उन्होंने भी कहा, साझा करने और एक-दूसरे का ध्यान रखने ('शेयर एंड केयर') के सदियों पुराने भारतीय दर्शन को दोहराते हुए, उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन में भाग लेने वाले मानवता और दुनिया के बड़े अच्छे समय आपस के लिए अपने विचारों, अनुभवों और नवाचारों को साझा करके उपयोगी विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने कई क्षेत्रों में हाल के तकनीकी व्यवधानों को स्वीकार करते हुए इस बात पर जोर दिया कि कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, प्रशासन और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार होने पर प्रौद्योगिकी की वास्तविक क्षमता को उजागर किया जा सकता है। प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से शासन प्रणाली में बदलाव लाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सरकार की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण से लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा, साझा करने और एक-दूसरे का ध्यान रखने ('शेयर एंड केयर') के सदियों पुराने भारतीय दर्शन को दोहराते हुए, उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन में भाग लेने वाले मानवता और दुनिया के बड़े अच्छे समय आपस के लिए अपने विचारों, अनुभवों और नवाचारों को साझा करके उपयोगी विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने पीएम के तीन शब्दों वाले मंत्र- रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर का उल्लेख करते हुए सुझाव दिया कि आने वाले दिनों में हमें ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था डिजिटलीकरण और नवाचार पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। कृषि पर अधिक ध्यान देने के लिए वहां टेक समिट के प्रतिभागियों से आग्रह करते हुए, उन्होंने कृषि उत्पादकता और आय में सुधार करने में सहायता देने के लिए सटीक कृषि, ऑनलाइन बाजारों (मार्केटप्लेस) और कृषि में कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे बेहतर कृषि- तकनीकी समाधानों को अपनाने का आह्वान किया। कृषि पर जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहे प्रतिकूल प्रभावों पर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस चुनौतीके लिए तकनीकी समाधान ढूँढने का आह्वान किया। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि कोविड-19 से हुई क्षति की रिकवरी व समाज की बेहतरी के लिए ज्ञान, धन और आर्थिक संपदा अर्जित करने हेतु नए विचारों और नवाचारों के साथ आगे आने की ज़रूरत है तथा परिस्थितियों के अनुसार सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन समय की मांग है हमें अपने विचारों, अनुभव और नवाचारों को साझा करना होगा जो भारत की सदियों पुरानी परंपरा है।
-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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