भारत में साहित्य का अणखुट ख़जाना - साहित्य एक राष्ट्र की महानता और वैभवता दिखाने का एक माध्यम है | #NayaSaberaNetwork



नया सबेरा नेटवर्क
भारत की प्रत्येक भाषा के साहित्य का अपना स्वतंत्र और प्रखर वैशिष्ट्य है जो अपने प्रदेश के व्यक्तित्व से मुद्रंकित है - एड किशन भावनानी
गोंदिया - भारत एक धर्मनिरपेक्ष, सबसे बड़ा लोकतंत्र और आदि अनादि काल से ही साहित्य की सबसे पुरानी या प्रारंभिक कृतियां मौखिक रूप से प्रेषित थी। साथियों हम अगर साहित्य, संस्कृति के इतिहास में जाएं तो हमें पता पता चलेगा कि, भारतीय साहित्य की सबसे पुरानी या प्रारंभिक कृतियाँ मौखिक रूप से प्रेषित थीं।संस्कृत साहित्य की शुरुआत होती है 5500 से 5200 ईसा पूर्व के बीच संकलित ऋग्वेद से जो की पवित्र भजनों का एक संकलन है। साथियों मेरा मानना है कि भारतीय साहित्य सबसे पुराना है आज हम वैश्विक स्तर पर देख रहे हैं कि भारतीय संस्कृति, सभ्यता, धर्मनिरपेक्षता, साहित्य को पूर्ण विकसित देश भी देखने पर हैरानी महसूस करते हैं ऊपर से हम 135 करोड़ जनसंख्या का एक विशाल संगठन है। एक विशाल जनसंख्यकीय जनशक्ति हैं। 22 करोड़ जनसंख्या के रूप में हमारा यूपी विश्व में पांचवी जनसंख्यकीय के बड़े क्षेत्र में गिना जाता है। याने यूपी जितनी जनसंख्या शक्ति में गिना जाए तो विश्व का पांचवा नंबर देश लगेगा। साथियों बात अगर हम भारत के साहित्य की करें तो भारत में साहित्यका अणखुट खजाना है !!! हमारे राष्ट्र में वेद कतेब इतने हैं कि जिनकी व्याख्या हम कागज कलम से नहीं कर सकते!!!इसलिए ही हमारे भारत को साहित्य सृजनकर्ता की भी हम संज्ञा दे सकते हैं !!! साथियों साहित्य और संस्कृति एक राष्ट्र की महानता और वैभवता दिखाने का एक माध्यम भी है जो कि भारत में साहित्य का अणखुट खजाना भरा है! साथियों बात अगर हम भारत में संस्कृति की करें तो, संस्कृत के महाकाव्य रामायण और महाभारत पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व के अंत में आये। पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व की पहली कुछ सदियों के दौरान शास्त्रीय संस्कृत  खूब फलीफूली, तमिल संगम साहित्य और पाली केनोन  ने भी इस समय काफी प्रगति की। साथियों बात अगर हम भारत में संस्कृति की करें तो, भारत की संस्कृति बहुआयामी है जिसमें भारत का महान इतिहास, विलक्षण भूगोल और सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान बनी और आगे चलकर वैदिक युग में विकसित हुई, बौद्ध धर्म एवं स्वर्ण युग की शुरुआत और उसके अस्तगमन के साथ फली-फूली अपनी खुद की प्राचीन विरासत शामिल हैं। इसके साथ ही पड़ोसी देशों के रिवाज़, परम्पराओं और विचारों का भी इसमें समावेश है। पिछली पाँच सहस्राब्दियों से अधिक समय से भारत के रीति-रिवाज़, भाषाएँ, प्रथाएँ और परंपराएँ इसके एक-दूसरे से परस्पर संबंधों में महान विविधताओं का एक अद्वितीय उदाहरण देती हैं। भारत कई धार्मिक प्रणालियों, जैसे कि सनातन धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म, सिंधी धर्म धर्मों का जनक है। इस मिश्रण से भारत में उत्पन्न हुए विभिन्न धर्म और परम्पराओं ने विश्व के अलग-अलग हिस्सों को भी बहुत प्रभावित किया है। भारत में ऋग्वेद के समय से कविता के साथ-साथ गद्य रचनाओं की मजबूत परंपरा है कविता प्रायः संगीत की परम्पराओं से सम्बद्ध होती है और कविताओं का एक बड़ा भाग धार्मिक आंदोलनों पर आधारित होता है या उनसे जुड़ा होता है लेखक और दार्शनिक अक्सर कुशल कवि भी होते थे आधुनिक समय में, भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान राष्ट्र वाद और अहिंसा को प्रोत्साहित करने के लिए कविता ने एक महत्वपूर्ण हथियार की भूमिका निभाई है। साथियों बात अगर हम भारत के 28 राज्यों और 9 केंद्रशासित प्रदेशों की करें तो, भारतीय गणराज्य में 22 आधिकारिक मान्यता प्राप्त भाषाएँ है। वर्तमान समय में भारत में मुख्यतः दो साहित्यिक पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं, साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा ज्ञानपीठ पुरस्कार। हिन्दी तथा कन्नड भाषाओं को आठ-आठ ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किए गये हैं। बांग्ला और मलयालम को पाँच-पाँच, उड़िया को चार, गुजराती, मराठी, तेलुगु और उर्दू को तीन-तीन, तथा असमिया, तमिल को दो-दो और संस्कृत को एक ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया है। साथियों बात अगर हम वर्तमान स्थिति के साहित्य में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के योगदान की करें तो मेरा मानना है कि यह मीडिया वर्तमान साहित्य, कविता, लेख, गद्द को जीवंतता प्रदान करते हैं!! साथियों अगर हम कोई भी कविता या लेख लिखते हैं तो वह हमारी योग्यता हम तक ही रहता है!! किसी को क्या पता चलेगा कि हमने क्या लिखा है!! और हमारा साहित्य क्या है ?? यह हमारी मीडिया ही है जो बिना स्वार्थ देश और भक्ति में हमारे लेखन को आम आदमी तक पहुंचाकर उनमें जीवंतता प्रदान करती है जो काबिले तारीफ है !!! साथियों बात अगर हम माननीय उपराष्ट्रपति की करें तो पीआईबी के अनुसार दिनांक 6 नवंबर 2021 को एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि, साहित्य को आकार देने में किसी देश की संस्कृति और परंपराएं एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने लोक साहित्य को संरक्षित रखेंगे तो हम अपनी संस्कृति की रक्षा कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि साहित्य वह माध्यम है, जिसके जरिए एक राष्ट्र की महानता और वैभव को दिखाया जाता है। उन्होंने अपनी इच्छा व्यक्त की कि लेखक, कवि, बुद्धिजीवी और पत्रकार अपने सभी लेखन और कार्यों में सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता दें। उन्होंने लेखकों से बाल साहित्य पर विशेष ध्यान देने का अनुरोध किया। साथ ही, उन्हें बाल साहित्य को लोकप्रिय बनाने के लिए नए तरीकों की खोज करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने इस क्षेत्र में दो प्रसिद्ध लेखकों मुल्लापुडी वेंकटरमण और चिंथा दीक्षिथुलु के योगदान का उल्लेख किया, कहा कि जो साहित्य और कविता सामाजिक कल्याण पर केंद्रित हैं, वे कालजयी हैं। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य आज भी हमें प्रेरणा देते हैं।उन्होंने कहा कि सभी भारतीय भाषाओं की रक्षा तथा संरक्षण से हमारी संस्कृति खुद के अस्तित्व को बनाए रखने में सक्षम होगी और आने वाली पीढ़ियों को सही राह दिखाने का काम करेगी। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत में साहित्य का अणखुट ख़जाना है। साहित्य एक राष्ट्र की महानता और वैभवता दिखाने का एक माध्यम है। भारत की प्रत्येक भाषा के साहित्य का अपना स्वतंत्र और प्रखर वैशिष्ट्य है जो अपने प्रदेश के व्यक्तित्व से मुद्रांकित है।

-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

*Ad : जौनपुर टाईल्स एण्ड सेनेट्री | लाइन बाजार थाने के बगल में जौनपुर | सम्पर्क करें - प्रो. अनुज विक्रम सिंह, मो. 9670770770*
Ad

*समस्त जनपदवासियों को शारदीय नवरात्रि, दशहरा, धनतेरस, दीपावली एवं छठ पूजा की हार्दिक शुभकानाएं: एस.आर.एस. हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेन्टर स्पोर्ट्स सर्जरी डॉ. अभय प्रताप सिंह (हड्डी रोग विशेषज्ञ) आर्थोस्कोपिक एण्ड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट ऑर्थोपेडिक सर्जन # फ्रैक्चर (नये एवं पुराने) # ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी # घुटने के लिगामेंट का बिना चीरा लगाए दूरबीन # पद्धति से आपरेशन # ऑर्थोस्कोपिक सर्जरी # पैथोलोजी लैब # आई.सी.यू.यूनिट मछलीशहर पड़ाव, ईदगाह के सामने, जौनपुर (उ.प्र.) सम्पर्क- 7355358194, Email : srshospital123@gmail.com*
Ad


*हीरो की कोई भी मोटरसाइकिल व स्कूटर खरीदिये और पाइये एक निश्चित उपहार | आटो व्हील्स हीरो जहांगीराबाद | #NayaSaberaNetwork* https://www.nayasabera.com/2021/10/nayasaberanetwork_600.html --- *धनतेरस एवं दिवाली धमाका ऑफर घर ले आइए हीरो और अपनों की खुशियों को दीजिए रफ्तार | हीरो की कोई भी मोटरसाइकिल व स्कूटर खरीदिये और पाइये एक निश्चित उपहार | आटो व्हील्स हीरो जहांगीराबाद, जौनपुर, मो. 7290084876 अहमद, खां मण्डी, पॉलिटेक्निक चौराहा, जौनपुर, मो. 9076609344 | वेंकटेश्वर आटो मोबाइल विशेषरपुर, पचहटियाँ, जौनपुर मो. 7290046734*
Ad


from Naya Sabera | नया सबेरा - No.1 Hindi News Portal Of Jaunpur (U.P.) https://ift.tt/3BPOoFH
Previous Post Next Post

Contact us for News & Advertisement

Profile Picture

Ms. Kshama Singh

Founder / Editor

Mo. 9324074534