- एकत्व आर्ट फाउंडेशन की कला प्रदर्शनी
नया सबेरा नेटवर्क
युवा कलाकार अपनी कृतियां और सपने लेकर जब दिल्ली जैसे शहर में पहुँचता है, उहापोह की स्थिति में रहता है कि मैं अपनी कृति, भाव लोगों के पास किस माध्यम से पहुँचाऊ कि अधिक से अधिक और कृतियों को समझ पाने वाले लोगों तक पहुँच सकूं, जिस पर खुल कर चर्चा हो सके, कृतियों के अच्छे दाम मिल सकें पर बाजार के चकाचौंध में वह भ्रमित हो जाता है। खैर इस विषय पर विस्तार से चर्चा की गुंजाइश है पर अभी बात करते हैं विजुअल आर्ट गैलरी, इंडिया आर्ट हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में चल रही प्रदर्शनी की जिसका नाम है सेलिब्रेशन ऑफ द आर्ट्स २०२१ (उत्सव -२)। एकत्व आर्ट्स फाउंडेशन जिसकी शुरुआत २०१९ में भारतीय कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था, के तरफ से आयोजित इस प्रदर्शनी को क्यूरेट किया है सलोनी वाढवा ने जो एकत्व की निर्देशक भी हैं और लगातार प्रर्दशनियों, सेमिनारों, कार्यशालाओं के बल पर नये, पुराने कलाकारों को एक मंच पर इकट्ठा करते हुए कला के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रही हैं।
प्रदर्शनी में आये कलाकारों और दर्शकों के भावों को देखकर मन संतुष्टि से भर उठता है, रंग खिल-खिलाकर दर्शकों से बात करने को आतुर हो उठते हैं। कलाकार अपनी कृतियों को जब व्याख्यायित करता है और दर्शक कृति के साथ गहराई से जुड़ पाता है, आनंद आ जाता है, एक अलग ही दुनिया में होने का अहसास उभर आता है। रंगों के बीच उत्साह और भाव से भरे कलाकार और बहुत कुछ प्राप्त कर लेने वाले उत्सुकता से लबरेज दर्शक एक दूसरे से कला की गहराई को समझ पाने हेतु लगातार प्रयासरत हैं, इंडिया आर्ट हैबिटेट सेंटर का विजुअल आर्ट गैलरी उत्सव घर में बदल सा गया जान पड़ा। अपने कृति पर चर्चा में कलाकार कुणाल कपूर शेयर बाजार की बात करते हुए कहते हैं कि हमारी जिंदगी शेयर बाजार की तरह है जहाँ उतार चढ़ाव लगा ही रहता है पर हमें शेयर बाजार के प्रतीक चिन्ह बैल की तरह हमेशा अडिग रहना चाहिए परिस्थितियां कैसी भी हो। बोस्निया के राजदूत मु. सेंजिक जिनके सहयोग से प्रदर्शनी का आयोजन हुआ, के छायांकन 'स्कैंड लीफ' के टेक्स्चर ने लोगों को काफी प्रभावित किया। कलाकार विजेंदर शर्मा की कृति में फल के प्रति एक इंसान के मन में चल रहे संघर्षों को दिखाया गया है, रंग और विषय दोनों दैनिक संघर्षों को दिखा पाने में सफल हुए हैं। कलाकार उत्तम पचारणे की ब्रोंज निर्मित कृति 'रेडी टू फ्लाई' भी अपने शीर्षक के अनुरूप ही है। पवित्र प्रेम के कलाकार नवल किशोर अपने जाने-पहचाने शैली में ही उपस्थित रहे, रंगों की चमक और चित्रों की बनावट आपकी पहचान बन गई है।
आकाश यादव की कृति में स्वप्नलोक का अहसास हुआ है। कृति 'शिवशक्ति' अरुणा तिवारी की कलाकृति है जिसमें जीवन के जद्दोजहद से, तमाम संघर्षों से गुजरते हुए, जिंदगी के मकड़जाल से उभरते हुए किस तरीके से एकाग्रता के साथ अपने आप को महान बनाया जा सकता है को दिखाने का प्रयास किया गया है। आशीष बोस की फाइबरग्लास से बनी कृति को निहारते ही जाने का मन करता है, सुकून प्रदान करता है मन को। कोरियन कलाकार कैटरीना किम की कलाकृति 'थ्री वूमेन इन जयपुर' साधारण रंगों और साधारण रेखाओं के साथ जबरदस्त भावों का संगम है। युवा कलाकार कौशलेश कुमार की कृति 'हर्ट टू हार्डवेयर' उनकी अपनी शैली में निर्मित एक जानदार कृति है, रंगों का संयोजन, स्ट्रोक जबरदस्त का बन पड़ा है। आज के इस भागमभाग समय में मोबाइल की जकड़ में किस तरीके से लोग आ गए हैं और एक दूसरे के पास होने के बाद भी कोषों की दूरी है, इसी विषय को कलाकार किरन चोपड़ा द्वारा अपनी कृति 'एवरीवन्स विजी दीज़ डेज़' में दिखाने का प्रयास किया है, मूर्ति में संतुलन गजब का है। युवा कलाकार मीनू रस्तोगी की कृति भी ध्यान आकर्षित करने में सक्षम है।
मेघना विरवा की कृति 'फील फ्लाई' में गजब का भाव है, हाथी और मधुमक्खी को आपस में अपने कल्पना के बल पर एक करके हाथी को मधुमक्खी के उड़ान में दर्शाने का प्रयास, कल्पना का बहुत ही अच्छा प्रयोग कहा जा सकता है। सायंती दत्ता के कृति में विषय के साथ लाइट और सेड का अच्छा प्रभाव दिखा है। अमिता चक्रवर्ती, अमिता शर्मा, अंजु केशरवानी, अनूप कुमार, गीतिका जैन, नकुल चौहान, मोहन प्रजापति सहित ५२ कलाकारों के लगभग १०० कलाकृतियों पर एक साथ लिखा जाना थोड़ा मुश्किल है पर सभी कृतियों पर चर्चा करने का मन है जो जल्दी ही पूरा होगा। प्रर्दशनी १३ दिसंबर तक चलेगी, दर्शक कृतियों से साक्षात्कार करने हेतु वहाँ पहुँच सकते हैं जहाँ कलाकृतियों पर परिचर्चा, वर्कशॉप का भी आयोजन है।
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पंकज तिवारी
संपादक- बखार कला पत्रिका
कवि, कलाकार एवं कला समीक्षक
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