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#JaunpurLive : ग़ैबत का सही व ग़लत प्रयोग विषय पर हुई संगोष्ठी



जौनपुर। आधुनिक युग में ''ग़ैबत का सही और ग़लत प्रयोग'' विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन जामिया इमाम जाफ़र सादिक अलैहिस्सलाम मदरसा बेगमगंज में मौलाना सैय्यद सफदर हुसैन ज़ैदी की अध्यक्षता में हुई। मौलाना सै सफदर हुसैन ज़ैदी ने कहा कि इमाम ज़माना हज़रत मेहंदी अलहिस्लाम ग़ैबत (पर्दे के पीछे हैं) में है। कहा कि गरीबों का खून चूसने वाले ज़ालिम को चिंता है कि अगर सच में सच्चे इस्लाम का चेहरा दुनिया देखेगी तो हर इंसान जाग जायेगा और दुनिया में न्याय की भावना पूरी तरह से जागृत हो जाएगी। मौलाना मोहम्मद रज़ा ने कहा कि उस विद्रोह से सावधान रहना चाहिए जो ईमानदार सच्चाई के विद्वानों और नेतृत्व के खिलाफ फैल रहा है। मौलाना मुहम्मद मिराज खान ने ग़ैबत का अर्थ समझाया और कहा कि ग़ैबत  में जिंदगी ऐसे जीनी चाहिए जैसे खुदा के हुक्म के मुताबिक हो। ग़ैबत करने की अवधारणा का दुरु पयोग नहीं किया जा सकता है। मौलाना सैयद आसिफ अब्बास ने शख्सियत और शख्सियत की ग़ैबत को समझाते हुए विषय पर बेहतरीन चर्चा की। वहीं मौलाना हसन अब्बास और मौलाना ताहिर आबिदी ने इमाम ज़माना की मुहब्बत और इंतजार पर रोशनी डाली। उपदेशक सैफ आबिदी ने कहा कि वक्त के इमाम से मुहब्बत बहुत ज़रूरी है। इस अवसर पर शायर फरमान ज़ंगीपुरी, ज़ेया आज़मी, वसीम, तालिब व कासिद ने क़सीदे पढ़े। मौलाना बाकिर रजा खान, मौलाना दिलशाद हुसैन खान, मौलाना सैयद मेराज मेहदी, मौलाना मजहर अब्बास खान, मौलाना जहीर आजमी, मोहम्मद मुस्तफा सहित अन्य लोग व मदरसा के छात्र उपस्थित रहे। अंत में मौलाना सैयद मुहम्मद शाज़ान ज़ैदी और मौलाना अम्बर अब्बास खान ने मेहमानों का शुक्रिया अदा किया। 

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