सुइथाकला, जौनपुर। प्रकृति के पल्लवित एवं पुष्पित रहने से मानव जीवन सुखमय रहेगा। बसन्त की हरियाली प्रकृति का अनुपम उपहार है। उक्त संदेश संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित स्माइलबे एजुकेशनल एण्ड कल्चरल फाउंडेशन दिल्ली के तत्वावधान में विकास खण्ड स्थित अमारी गांव में लोक संगीत कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को दिया गया। लोक गायिका कंचन की प्रस्तुति निमियां की डरिया मइया देवी गीत से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। लोक संगीत महोत्सव में शालिनी ने खेतवा के अपने आरी आरी हो बिरिक्षवा लगाई देता बलमू लोक गीत प्रस्तुत करके जनमानस को पौधरोपण के लिए प्रेरित किया। महोत्सव में उपस्थित अन्य लोक कलाकार लाल चन्द शर्मा, संगम, अंकित मिश्र एवं अर्चना ने भी लोक गीत के माध्यम से प्रकृति संरक्षण हेतु लोगों को जागरूक किया। कार्यक्रम में अन्य स्थानीय लोक कलाकारों ने गो ग्रीन पर आधारित परम्परागत लोक संगीत प्रस्तुत कर अपनी संगीत कला का खूब जलवा बिखेरा। कार्यक्रम का संचालन राम तीरथ ने किया। फाउंडेशन के अध्यक्ष ने लोक कलाकारों का उत्साहवर्धन करते हुए आगन्तुक जनों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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